कॉमनवेल्थ गेम्स: यूपी की बेटी पूनम ने जीता गोल्ड, अब सीएम देंगे 50 लाख और नौकरी
वाराणसी। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की महिला वेटलिफ्टर ने उस समय इतिहास रच दिया जब उन्होंने महिलाओं की 69 किलोग्राम वर्ग में भारत को पांचवां गोल्ड मेडल दिलाया। वाराणसी से सटे दांदूपुर गांव के कैलाश यादव की बेटी पूनम यादव, एक छोटे किसान की बेटी है। पूनम आज भले ही देश के लिए चर्चित चेहरा बन गई हों, लेकिन उनका अतीत बड़े संघर्ष से गुजरा है। पूनम के राष्ट्रमंडल खेल-2018 में स्वर्ण पदक जीतने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पिता को बेचनी पड़ी थी भैंस
पूनम के शुरुआती दिनों में उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह दो वक्त की रोटी भी खा सकें। गरीबी उनके परिवार में पांव पसार कर बैठी थी। जानकार बताते हैं कि पूनम के खेल के लिए उनके पिता को अपनी भैंस तक बेचनी पड़ गई थी। जब उनकी लाडली ने ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता, तो उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वे अपनी खुशी बांटने के लिए मिठाई खरीद सकें।
छुपकर देती थी दूध
पूनम की बड़ी बहन शशि ने बताया कि भैसो की देखरेख पूनम करती थी। 2014 में कॉमनवेल्थ में जब पूनम ने मेडल जीता तो लोगो को मिठाई खिलाने तक के पैसे नहीं थे। शशि ने बताया कि परिवार इतना बड़ा था और पिताजी अकेले कमाने वाले थे। भैंस पालते थे और दूध को बेचकर कुछ खर्चा निकलते थे, जिससे घर चल पाता था। घर में सभी को दूध मिले मुमकिन नहीं था। दूध नापते समय ही रोज एक गिलास दूध छुपकर पूनम को देती थी।
यूपी सरकार देगी 50 लाख, सरकारी पद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रमंडल खेल-2018 में स्वर्ण पदक जीतने पर प्रदेश की महिला वेटलिफ्टर पूनम यादव को बधाई दी है। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है। पूनम यादव को राज्य सरकार में राजपत्रित अधिकारी का पद भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पूनम यादव ने अपनी प्रतिभा, लगन और परिश्रम के बल पर बेहतरीन प्रदर्शन कर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से राज्य गौरवान्वित है।