कूड़े में सड़ रही हैं दवाएं और मर रहे हैं मरीज, कब जागेगा प्रशासन?
ये दवाएं भरथना जिला अस्पताल से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भेजी गई थी। तो किसने इन सरकारी दवाओं को कूड़े में फेंक दिया, ये पता तो तब चले जब इस पर कार्रवाई बैठे। इससे पहले भी कूड़े में सरकारी दवाएं मिली ह
इटावा। दवाइयों के अभाव में कितने ही मरीज हर दिन दम तोड़ देते हैं तो इन दवाइयों का कूड़े में मिलना भी आम हो चला है। प्रशासन जिसे इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए वो भी मूक दर्शक बन जाती है और अस्पताल अपनी गाढ़ी कमाई के लिए ये गोरखधंधा करती रहती है। मामला इटावा के भरथना तहसील का है जहां कूड़े में फिर सरकारी दवाओं का जखीरा देखने को मिला है।
ये दवाएं भरथना जिला अस्पताल से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भेजी गई थी। तो किसने इन सरकारी दवाओं को कूड़े में फेंक दिया, ये पता तो तब चले जब इस पर कार्रवाई बैठे। इससे पहले भी कूड़े में सरकारी दवाएं मिली हैं और भारी मात्रा में मिली हैं। कभी उन्हें आग के हवाले कर दिया जाता है तो कभी ऐसे ही खुले में फेंक दिया जाता है।
यहां तक कि वो दवाएं जो एक्सपायर नहीं हुईं हैं और मरीजों को मिलनी चाहिए थीं, वो भी कूड़े में सड़ जाती हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टर बाहर की दवा लिखने के लिए तमाम झूठ बोलते हैं और बाद में भ्रष्ठ कर्मचारी और अधिकारी इसी तरह दवाओं को फेंक कर अपनी जेब भरते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसी कालाबारी को बढ़ावा देता अस्पताल जल्द दंड़ित हो इसलिए कार्रवाई कर असली गुनहगारों को पकड़ा जाए।
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