ओवैसी-शिवपाल-चंद्रशेखर को राजभर ने दिया गच्चा, अब क्या होगा भागीदारी संकल्प मोर्चा का भविष्य ?
लखनऊ, 20 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी गोटियां सेट करने में जुटे हुए हैं। इसी बीच यूपी की सियासी पिच पर बुधवार को नए समीकरण बनते दिखाई दिए जब योगी आदित्यनाथ सरकार में पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने का ऐलान कर दिया। राजभर के इस कदम के बाद क्या पूर्वांचल में बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ेगी और आने वाले दिनों में इसका लाभ सपा को मिलेगा। एसबीएसपी सूत्रों के मुताबिक 27 अक्टूबर को मऊ में होने वाली महारैली में सपा के चीफ अखिलेश यादव भी शामिल होंगे।

ओवेसी-राजभर-चंद्रशेखर तो गठबंधन में थे ही नहीं
राजभर ने एसबीएसपी के मुख्य महासचिव अरविंद राजभर के साथ लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और कहा कि अब एसबीएसपी और समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए साथ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए एसबीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण राजभर ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा के अधिक से अधिक दलों को भी गठबंधन में समायोजित किया जाएगा।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के मोर्चा का हिस्सा होने या न होने के सवाल पर, अरूण राजभर ने कहा कि,
" जो इस भागीदारी मोर्चा में थे ही नहीं उनके होने या न होने का सवाल कैसा। इस भागीदारी मोर्चा में न तो शिवपाल थे, न ओवैसी थे और न ही चंद्रशेखर थे। भागीदारी संकल्प मोर्चा में जो संगठन शामिल थे वो आज भी हैं और इसकी ताकत 27 अक्टूबर को मऊ की रैली में नजर आएगी।"
27 अक्टूबर को मऊ में होनी है भागीदारी संकल्प मोर्चा की रैली
राजभर के नेतृत्व वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा ने 27 अक्टूबर को मऊ में एक बड़ी रैली की घोषणा की थी, और अब उम्मीद है कि राजभर अखिलेश के साथ मंच साझा कर सकते हैं, जिनका पहले से ही उसी दिन पड़ोसी गाजीपुर जिले में एक कार्यक्रम निर्धारित है। सीट बंटवारे के बारे में, राजभर ने कहा कि भले ही समाजवादी पार्टी ने एसबीएसपी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी, फिर भी वह अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में 2022 का चुनाव लड़ेंगे।

पूर्वांचल में 100 सीटों पर है राजभरों के प्रभाव का दावा
सुहेलदेव पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि, ''पूर्वांचल में एसबीएसपी के साथ 18-22% राजभर मतदाता हैं। पूर्वांचल की 150 से अधिक सीटों पर पार्टी का प्रभाव है। प्रदेश के वाराणसी संभाग, देवीपाटन संभाग, गोरखपुर संभाग, आजमगढ़ संभाग की विधानसभा सीटों पर गहरी पैठ है. बंसी, अर्क, अर्कवंशी, खरवार, कश्यप, पाल, प्रजापति, बिंद, बंजारा, बारी, बियार, विश्वकर्मा, नई और पासवान जैसी उपजातियों पर भी एसबीएसपी की मजबूत पकड़ है।''

राजभर ने बीजेपी के साथ जाने के दिए थे संकेत
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख और योगी आदित्यनाथ सरकार में पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को भाजपा के साथ गठबंधन करने का संकेत दिया था लेकिन कुछ शर्तें भी सामने राखी थीं। राजभर ने बिजली के बिलों की माफी और शराब निषेध सहित कई शर्तों को सूचीबद्ध किया, जो उन्हें उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए प्रेरित करेगा।
पिछली बार बीजेपी के साथ हुआ था गठबंध
राजभर के एसबीएसपी ने 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था और उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच महीनों की तीखी नोकझोंक के बाद उन्हें 2019 में निष्कासित कर दिया गया था। उनके निष्कासन के बाद, राजभर ने 'भागीदार संकल्प मोर्चा' का गठन किया, क्षेत्रीय दलों का एक गठबंधन जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और चंद्र शेखर आज़ाद के नेतृत्व वाली आज़ाद समाज पार्टी शामिल थी।
भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन समाज में विभिन्न मुद्दों के आधार पर किया गया था। जो भी पार्टी उन मुद्दों को स्वीकार करेगी, हम उनके साथ जाएंगे। इस मामले पर अंतिम घोषणा 27 अक्टूबर को मऊ जिले में होने वाली निर्धारित रैली में की जाएगी।