बड़ी खबर : अब 5 साल बाद भी आवेदन करने पर मिलेगी मृतक आश्रित कोटे में नौकरी
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुये बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए पांच साल के अंदर आवेदन करने वालों को ही नौकरी दिए जाने के निर्णय को सही नहीं माना है और निर्धारित समय के बाद भी आवेदन करने वालो को मृतक आश्रित कोटे का लाभ पाने का हकदार माना है। अब इस फैसले को आधार बनाकर कोटे के लाभ से वंचित लोग भी राहत पा सकेंगे।
500
याचिकाओं
पर
हुई
सुनवाई
दरअसल,
हाईकोर्ट
ने
अनुकंपा
नियुक्ति
मामले
से
जुड़ी
500
से
अधिक
याचिकाओं
पर
एक
साथ
सुनवाई
की।
सरकार
की
ओर
से
बताया
गया
कि
सरकारी
कर्मचारी
की
मौत
के
बाद
5
साल
के
अंदर
ही
आश्रित
को
कोर्ट
मृतक
कोटे
के
तहत
अनुकंपा
नियुक्ति
के
लिए
आवेदन
करना
होता
है।
इस
पर
हाईकोर्ट
ने
बहस
सुनी
और
कहा
है
कि
सरकार
को
विलंब
से
दिए
गए
आवेदन
पर
विचार
करने
का
अधिकार
है,
मगर
यह
अधिकार
उसे
मनमानी
करने
की
छूट
नहीं
देता
है।
सरकार
विलंब
से
दिए
गए
आवेदन
को
सीधे
आंख
बंद
करके
खारिज
नहीं
कर
सकती
बल्कि
उसे
आश्रित
परिवार
की
आर्थिक
स्थिति
व
आमदनी
पर
विधिवत
विचार
करना
चाहिए।
हाईकोर्ट
ने
अपने
आदेश
को
स्पष्ट
करते
हुए
कहा
कि
यदि
आश्रित
परिवार
की
आर्थिक
स्थिति
खराब
हो
और
आमदनी
भी
पूर्वत
न
हो
तो
विलंब
से
दिए
गए
आवेदन
पर
भी
नियुक्ति
मिलनी
चाहिए।
क्या
है
मामला
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
अनुकंपा
नियुक्ति
से
संबंधित
500
से
अधिक
याचिकाओ
में
विलंब
से
किए
गए
आवेदन
को
सरकार
द्वारा
खारिज
किए
जाने
के
फैसले
को
चैलेंज
किया
गया
था।
जिस
पर
न्यायमूर्ति
रामसूरत
राम
मौर्या
ने
सुनवाई
की
थी।
सुनवाई
के
दौरान
याची
के
बालिग
न
होने
की
दशा
में
आवेदन
में
विलंब
होने
जैसी
दलीलें
दी
गई
थीं।
जिस
पर
हाईकोर्ट
ने
सभी
याचिकाओं
को
स्वीकार
करते
हुए
याचीगण
के
आवेदन
पर
सरकार
को
विचार
करने
को
कहा
है
कोर्ट
ने
यह
भी
कहा
कि
यदि
पांच
वर्ष
के
विलंब
से
भी
आवेदन
दिया
गया
हो
तो
मृतक
के
परिवार
की
परेशानी
पर
विचार
किया
जाए,
सीधे
आवेदन
खारिज
ना
किया
जाए।
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