नोएडा विधान सभा: राजनाथ के पुत्र पंकज सिंह की राह नहीं होगी आसान, जानिए ग्राउंड रिपोर्ट
लखनऊ, 28 जनवरी: उत्तर प्रदेश में चुनाव का आगाज हो चुका है। सारी पार्टियों ने अपने अपने योद्धा मैदान में उतार दिए हैं। देश की राजधानी से सटे और यूपी का स्वागत द्वार कहे जाने वाले नोएडा विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर बिजली, पानी और किसान ही सभी दलों के एजेंडे में शामिल है। सबका साथ और सबक विकाश का नारा देने वाली बीजेपी को विपक्ष इन्ही मुद्दों पर घेरने का प्रयास कर रहे हैं। मौजूदा समय में नोएडा सीट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह विधायक हैं।
नोएडा में खारे पानी की समस्या और कच्ची कालोनियों में बिजली कनेक्शन के लिए जूझ रहे लोगों को राजनीतिक दबसधने में जुटे हुए हैं। नोएडा में बिल्डर्स और बायर्स का विवाद भी बड़ा मुद्दा है। 2012 में परिसीमन के बाद इस सीट के बनने के बाद से ही यह सीट बीजेपी के कब्जे में रही हैबजबकी समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। इस बार कांग्रेस और बसपा ने जहां खुद कोंखड़ा किया है वहीं दिल्ली मॉडल का दम भरते हुए आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है।
बीजेपी ने इस सीट से दोबारा पंकज सिंह को टिकट दिया है। सपा ने यहां से पूर्व प्रत्याशी सुनील चौधरी पर ही दाव लगाया है। कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक, बीएसपी से कृपाराम शर्मा , आप से पंकज अवाना मैदान में हैं। नोएडा सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी। इससे पहले यह सीट दादरी विधानसभा में थी। 2012 में परिसीमन के बाद पहली बार इस सीट पर बीजेपी के डॉक्टर महेश शर्मा विधायक बने थे। 2014 में महेश शर्मा के लोकसभा का चुनाव लडने की वजह से सित खाली हुई थी। इस साइट पर चुनाव हुआ और बीजेपी की विमला बाथम विधायक बनीं थीं। इसके बाद 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी से पंकज सिंह को टिकट मिला और मोदी लहर में वह विधायक बनने में कामयाब रहे।
पंकज सिंह कहते हैं कि, नोएडा में पिछले पांच साल में विकास का बहुत काम हुआ है। जनता मोदी और योगी की नीतियों में एकबार फिर से विश्वास व्यक्त करेगी। सरकार के खिलाफ जिस तरह का गठबंधन बनाया गया है उसको जनता पूरी तरह से स्वीकार कर देगी। वहीं दूसरी तरफ गठबन्धन प्रत्याशी सुनील चौधरी सरकार पर हमला करते हुए कहते हैं कि गठबंधन इस बार योगी सरकार की हवा निकालने में कामयाब होगा। पांच सालों में नोएडा वासियों के लिए कोई काम नहीं हुआ है। बिल्डर्स और बायर्स का मुद्दा इस बार चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगा।
क्या
कहते
हैं
2017
के
नतीजे
पिछले
चुनाव
के
आंकड़ों
पर
गौर
करें
तो
बीजेपी
प्रत्याशी
पंकज
सिंह
को
162417
वोट
मिले
थे
जबकि
दूसरे
नुबर
पर
रही
सपा
को
केवल
58401
वोट
मिले
थे।
बीएसपी
यहां
तीसरे
नंबर
पर
रही
थी
और
27365
वोट
मिले
थे।
इसके
अलावा
आरएलडी
के
प्रत्याशी
ब्रजेश
को
केवल
509व्मातों
से
संतोष
करना
पड़ा
था।
इस
तरह
इस
सीट
पर
एसपी
और
आरएलडी
का
गठबंधन
कितना
कारगर
साबित
होगा
और
पंकज
सिंह
को
कितना
टक्कर
दे
पाएंगे।
क्या
कहती
है
जातीय
गणित
नोएडा
विधानसभा
सीट
पर
ब्राह्मण
मतदाताओं
की
संख्या
130000
है
जबकि
बनिया
समुदाय
की
तादाद
1.10
लाख
है।
मुस्लिम
70
हजार
हैं
तो
यादव
40
हजार
हैं।
इस
सीट
पर
गुर्जर
मतदाता
45
हजार
हैं
जबकि
ठाकुर
केवल
39
हजार
हैं।
हालाकि
बीजेपी
के
फेवर
में
ब्राह्मण
के
आने
से
यह
सीट
बीजेपी
के
लिए
सही
साबित
हुई
है।
इसकी
वजह
से
ही
पिछले
10
सालों
से
बीजेपी
इस
सीट
पर
कब्जा
बनाए
हुए
है।
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