बरेली के व्यवसायियों पर नोटबंदी के बाद कोर्ट के फैसले की मार
NGT के एक आदेश के बाद पतंग के लिए मांझे बनाने वाले छोटे व्यवसायियों पर मुसीबत आ गई है।
बरेली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT ) द्वारा पतंग उड़ाने वाले मांझे के इस्तेमाल पर पूरे देश में रोक लगाने का उत्तर प्रदेश के बरेली में विरोध हो रहा है।
बता दें कि एनजीटी ने कांच कोटिंग वाले मांझे के खतरे को देखते हुए इसके इस्तेमाल पर देशभर में रोक लगाने के अंतरिम आदेश दिये हैं इसके बाद बरेली में मांझा कारोबार से जुड़े व्यवसायियों की चिंताएं बढ़ गयी है।
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ये है दोहरी मार
बरेली में लगभग दस हजार परिवार मांझा बनाने के कारोबार से जुड़े हुए हैं। पहले नोट बंदी के असर ने इस कारोबार की कमर तोड़ी और अब प्रतिबन्ध ने मांझा व्यापारियों को दोहरी मार दी है।
इस कारोबार से जुड़े मांझा कारोबारी जावेद का मानना है कि अगर मांझे के इस्तेमाल पर रोक लगी तो उनके परिवार भुखमरी पर आ जाऐंगे।
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वहीं एक अन्य मांझा कारीगर अकरम ने कहा कि नोटबंदी के चलते पहले से ही हाल खराब है ऐसे में कोर्ट का यह आदेश और भी परेशान करने वाला है।
ये है तर्क
गौरलतब है कि जानवरों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था पेटा की याचिका पर एनजीटी ने यह आदेश जारी किया है।
तर्क है कि कांच कोटिंग वाले मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों और जानवरों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।
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