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मुजफ्फरनगर में अभी भी सो रही यूपी पुलिस, बदमाशों ने दिनदहाड़े लूटा बैंक

मुजफ्फरनगर के गांव पीनना में तीन नकाबपॉश हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े बैंक पर धावा बोल बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाकर बैंक से 7 लाख 56 हजार की नकदी लूट ली।

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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद यह घोषणा की गई थी कि अपराधी और बदमाश यूपी छोड़कर कहीं और चले जाए नहीं तो उनका अंजाम बुरा होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बदमाश कितने बेखौफ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बदमाशों ने दिनदहाड़े बैंक को लूट कर फरार हो जाते हैं और पुलिस को कानों कान खबर नही लगती।

कर्मचारियों को बंधक बना लूटे साढ़े सात लाख रुपए

कर्मचारियों को बंधक बना लूटे साढ़े सात लाख रुपए

बैंक रॉबरी का ये मामला मुजफ्फरनगर जिले के गांव पीनना का हैं जहां दिनदहाड़े तीन नकाबपॉश हथियारबंद बदमाशों ने बैंक पर धावा बोल दिया। बदमाशों ने हथियारों के बल पर बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाकर बैंक से 7 लाख 56 हजार की नकदी लूटकर बैंक से फरार हो गए। लूट की सूचना मिलने पर मुजफ्फरनगर एसएसपी अनंत देव तिवारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू कर दी। मौके पर डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिस्क टीम भी बुलाई गई है। पुलिस के ढीले रवैये के कारण बदमाशों के हौसले बुलंद है। दिन दहाड़े बैंक लूट की इस वारदात की बात करे तो इस घटना में भी पुलिस का रवैया बहुत ढीला रहा। घटना के 3 घंटे बीतने के बाद तक भी जनपद में नाकेबंदी करने के बजाए एसएसपी भारी भरकम पुलिस बल के साथ बैंक में सीसीटीवी फुटेज खंगालते रहे, किसी ने भी बदमाशों की धरपकड़ के लिए काम्बिंग करने की जुगत नही उठाई। पुलिस अधिकारी कई घंटों तक बैंक में जांच पड़ताल करते रहे और फिर सभी अधिकारी कार्यवाही करने का एक रटा रटाया बयान मीडिया को देकर घटना स्थल से चलते बने।

बैंक में नही थी कोई सुरक्षा

बैंक में नही थी कोई सुरक्षा

बैंक में सुरक्षा के नाम पर कोई व्यवस्था नही की गई थी ना ही बैंक में कोई सुरक्षा गार्ड था और ना कोई अन्य व्यवस्था, बैंक में सिर्फ तीन कर्मचारी इस शाखा को संचालित करते थे , जब बदमाश आये तो बदमाश आसानी से बैंक में घुस गए और कर्मचारियों को हथियारों के बल पर बंधक बनाकर वहा रखा लगभग 7.5 लाख कैश लूटकर फरार हो गए । बैंक में वैसे तो 9 कैमरे लगे थे मगर चलने के नाम पर सिर्फ चार थे और वो भी फुटेज लाइव तो दिखा रहे थे लेकिन फुटेज स्टोर नही कर रहे थे , इस बात का खुलासा तब हुआ जब 3 घण्टो तक टैक्नीशियन ने फुटेज निकालने की जुगत तो की ले अंत मे वो ढाक के तीन पात, यानी सीसीटीवी में कोई भी वारदात का वीडियो रिकॉर्ड ही नही हुआ, बताया ये भी जा रहा हैं कि बैंक के किसी कर्मचारी ने बीती 26 तारीख को सीसीटीवी में छेड़छाड़ की थी जिसको लेकर भी पुलिस की शक की सुई बैंक के उस कर्मचारी की तरफ हैं जिसने सीसीटीवी कैमरों में छेड़छाड़ की थी।

बैंक में नहीं थी आपातकालीन नंबरों की सूची

बैंक में नहीं थी आपातकालीन नंबरों की सूची

सभी बैंकों में एक आपातकालीन नम्बरों की सूची लगी होती हैं जिस पर पुलिस अधिकारी, पुलिस इमरजेंसी नम्बर, फायर ब्रिगेड नंबर, और स्थानीय थाने का नंबर अंकित होता हैं ताकि इमरजेंसी में इन नंबरों पर किसी भी होने वाली घटना की सूचना सम्बंधित इमरजेंसी नंबर पर दी जा सके लेकिन इस बैंक में सूची तो लगाई गई थी मगर उसमे कोई इमरजेंसी नंबर अंकित नही था। घटना के बाद पुलिस इस बारे में मीडिया से बात करने में कतराती नजर आई।

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English summary
miscreants robbed the bank in Muzaffarnagar of UP
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