Dynamic DM Heera Lal : गांव के लड़कों को आईएएस बनना है तो जान लीजिए IAS हीरा लाल की धांसू स्ट्रेटेजी
Dynamic DM Heera Lal IAS UP : ये हैं डायनामिक डीएम हीरा लाल। यह टाइटल इन्हें यूं ही नहीं मिला। इसके पीछे गांव-गांव जाकर उन्हें मॉडल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना, पानी की बूंद-बूंद सहेजने के लिए काम करना और वोटिंग प्रतिशत में इजाफा के लिए अनूठे फैसले लेना है। वर्तमान में आईएएस हीरा लाल अपर मिशन निदेशक एनएचएम यूपी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ हीरा लाल
यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ हीरा लाल का जिक्र आज हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हाल ही इनकी पुस्तक 'Dynamic DM Heera Lal' का गुजराती संस्करण प्रकाशित हुआ है। चार माह पहले पुस्तक हिंदी में आई थी और महीने भर बाद अंग्रेजी में आने वाली है। पुस्तक खुद आईएएस हीरा लाल व आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर संजय वर्मा की पत्नी कुमुद वर्मा ने लिखी है।
आईएएस हीरा लाल का साक्षात्कार
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में आईएएस अधिकारी हीरा लाल ने बताया कि 31 अगस्त 2018 से फरवरी 2020 तक उत्तर प्रदेश के बांदा में डीएम रहा। बतौर बांदा जिला कलेक्टर यह पहली पोस्टिंग थी। यहां काम करने का भरपूर अवसर था, जिसका खूब फायदा उठाया और लीक से हटकर काम करके दिखाया भी। बांदा जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में किए काम के बूते साल 2019 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में नाम दर्ज हुआ।
हीरा लाल ने बांदा में क्या करके बने डायनामिक डीएम?
हीरा लाल आईएएस ने बताया कि बांदा डीएम की कुर्सी पर डेढ़ साल तक रहा। इस दौरान जल संरक्षण के लिए रोजाना तीन से चार विशेष बैठकें करना। लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए घर-घर जाना। बांदा से बाहर रहने वाले मतदाताओं के नंबर लेकर उन्हें वोट डालने के लिए आमंत्रित करना। फोन कॉल्स के अलावा 20 हजार मतदाताओं को पत्र भी लिखे। इन्हीं सब प्रयासों के चलते लोग डायनामिक डीएम कहने लगे थे। फिर इसी नाम से पुस्तक लिखी गई।
बांदा डीएम हीरा लाल के प्रयासों के नतीजा क्या रहा?
बांदा डीएम हीरा लाल की टीम ने जिले भर में 7800 कुओं की साफ सफाई व उनमें रंगाई पुताई करवाई। मनरेगा, खेत तालाब योजना समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से 2200 नए तालाब बनाए। नतीजा यह रहा है कि बांदा जिले में भूजल स्तर 1.34 मीटर ऊपर आ गया। वोटिंग के प्रयासों से बांदा जिले में लोकसभा चुनाव 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा पूरे उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक था।
गांव के लड़के भी बने सकते हैं आईएएस
आईएएस हीरालाल कहते हैं कि ग्रामीण पृष्ठभूमि युवक भी यूपीएससी क्रैक कर सकते हैं। आईएएस बनने के लिए कमजोर आर्थिक स्थिति राह में रोड़ा नहीं बन सकती। इसके लिए पांच बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। साथ ही यूपीएससी की तैयारी को लेकर अपनी खुद की एक भी स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए और उसकी कड़ाई से पालना करनी चाहिए।
आईएएस हीरालाल की पांच सलाह
1 - कक्षा 8 से ही सिविल सेवक बनने की दिशा में छोटी छोटी कोशिश कर देनी चाहिए। नियमित रूप से अखबार का सम्पादकीय पढ़ना जरूरी है।
2
-
यूपीएससी
में
चयनित
हो
चुके
अभ्यर्थियों
के
इंटरव्यू
देखने
चाहिए
और
उनकी
तैयारी
की
से
ही
तैयारी
करना
चाहिए।
3-
यूपीएससी
की
तैयारी
के
लिए
तमाम
ऑनलाइन
प्लेटफॉर्म
पर
सामग्री
उपलब्ध
है।
उसका
ज्यादा
से
ज्यादा
इस्तेमाल
करना
चाहिए।
4-बहुत
सारे
प्लेटफॉर्म
हैं,
जो
फ्री
में
कोचिंग
करवाते
हैं।
उनसे
जुड़ना
चाहिए।
5-आजकल
यूपीएससी
टॉपर्स
से
सोशल
मीडिया
के
जरिए
पहुंच
आसान
है।
उनसे
सम्पर्क
कर
उन्हें
अपना
मेंटर
बनाना
चाहिए।
आईएएस हीरालाल की जीवनी व परिवार
जन्म - 31 मार्च 1966
स्थान
-
गांव
बागडीह,
ब्लॉक
साऊघाट,
जिला
बस्ती,
यूपी
माता
-
सावित्री
देवी,
हाउसवाइफ
पिता
-
रामअजोर,
पशु
चिकित्सक
रहे
पत्नी
-
डॉ
ऊषा
गंगवार,
स्त्री
रोग
विशेषक
बच्चे
-
बेटा
प्रत्यूष,
इंजीनियर
अमेजन
अमेरिका
बेटी-
प्रियल,
महाराष्ट्र
से
एमबीबीएस
कर
रही
शिक्षा
-
बीटेक,
पंत
जी.बी.
कृषि
विश्वविद्यालय
प्रौद्योगिकी,
पंतनगर
एमटेक,
आईटी
बीएचयू
वाराणसी
यूपी,
पीएचडी
2020
में
पहचान-
बांदा
में
जल
संरक्षण
से
वर्तमान
पद
-
अपर
मिशन
निदेशक,
एनएचएम,
यूपी
चर्चित
पद
-
डीएम
बांदा,
यूपी
अपने परिवार से पहले पीसीएस अफसर
हीरा लाल ने बताया कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपी पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। 1994 में 19वीं रैंक पाकर पीसीएस बने। विभिन्न पदों पर काम किया और साल 2010 में पदोन्नत होकर यूपी कैडर के आईएएस बन गए। पहले PCS और फिर IAS अफसर बनने वाले ये अपने परिवार से पहले शख्स हैं।