सज-धज कर मायके से ससुराल आ रही दुल्हन को पिया मिलन से पहले मिली मौत
तेज रफ्तार स्कॉर्पियों ने नई नवेली दुल्हन की जान ली, बड़े सड़क हादसे में ससुर और बहू की मौके पर ही मौत हो गई।
मिर्जापुर। शादी के बाद मायके गई दुल्हन रविवार को पिया से मिलने के लिए सज-धज कर ससुर के साथ ससुराल आ रही थी कि रास्ते में सडक दुर्घटना में ससुर संग दुल्हन की मौत हो गयी। राष्ट्रीय राजमार्ग सात पर देहात कोतवाली के करनपुर घाटी में स्थित मिलिट्री कैंपस के पास अंधे मोड़ पर रविवार की शाम को पांच बजे स्कार्पियो और टेंपो की आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई। घटना में टेंपो सवार ससुर और बहू की मौके पर मौत हो गई। जबकि चालक और एक अन्ययात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना पर पहुंचे ससुर और बहू के परिवार के सदस्यों में कोहराम मच गया। ससुर बहू की विदायी कराकर मायके से ससुराल लेकर जा रहा था।
र्पियों के टक्कर से टेंपो के उडे परखच्चे
पड़री थाना क्षेत्र के अर्जुनपुर पाठक गांव निवासी 55 वर्षीय संतलाल के छोटे बेटे 24 वर्षीय अनिल गुप्ता की शादी लालगंज थाना क्षेत्र के धसड़ा गांव निवासी सुदुल्ली गुप्ता की 20 वर्षीय बेटी नीलम से हुई थी। दोनों की शादी इसी वर्ष मई में हुई थी। मौजूदा समय में नीलम धसड़ा गांव में अपने मायके गई थी। उसकी विदायी कराने के लिए उसके ससुर संतलाल गांव के बगल देवपुरा के 30 वर्षीय बबलू यादव की टेम्पो लेकर गए थे। संतलाल के साथ चेतगंज चौकी क्षेत्र के खम्हरिया गांव निवासी उनके रिश्तेदार 45 वर्षीय रामदास गुप्ता भी गए थे। शाम को पांच बजे वह बहू की विदायी कराकर घर लौटते समय करनपुर घाटी से पहले अंधा मोड़ पर मिर्जापुर की ओर से तेज रफ्तार से जा रही स्कार्पियो ने टक्कर मार दी। इससे ससुर संतलाल और बहू नीलम की मौके पर ही मौत हो गई।
स्कॉर्पियों सवार की हो रही है तलाश
सूचना पर पहुंची करनपुर चौकी पुलिस ने गंभीर रूप से घायल चालक बबलू और रिश्तेदार रामदास एंबुलेंस से मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। देर शाम तक दोनों का उपचार हो रहा था। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। देहात कोतवाल ने बताया कि स्कार्पियो को कब्जे में लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मौके से फरार सवारों की खोजबीन की जा रही है।
दो महीने में तीसरी बार मायके से ससुराल जा रही थी नीलम
देहात कोतवाली के करनपुर घाटी में टेम्पो और स्कार्पियो की आमने सामने हुई टक्कर में मरी विवाहिता दो महीने की शादी में तीसरी पर मायके से ससुराल जा रही थी। इसके पहले दो बार वह मायके से ससुराल जा चुकी थी। ससुर को बहू को घर लेकर पहुंचने की खुशी मन में थी तो बहू को अपने पति से मिलकर दुनिया के सपने बुनने की चाहत थी। दोनों को क्या पता था कि रास्ते में ही उनके साथ घटना हो जाएगी। मंडलीय अस्पताल में पत्नी और पिता का शव स्ट्रेचर पर पड़ा देखकर अनिल बदहवाश सा हो गया। महिलाएं और पुरुषों की भीड़ का रूदन सुनकर मौके पर जुटे लोगों की आखें भी भर आई।
इसी अंधे मोड़ पर डेढ वर्ष पूर्व पीडी की हुई थी मौत
राष्ट्रीय राज मार्ग सात पर मिर्जापुर से रीवां की ओर जाने पर करनपुर घाटी में अंधा मोड़ पूर्व में भी कई लोगों की बलि ले चुका है। डेढ वर्ष पहले जिले के परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र की भी यही पर स्कार्पियो केअनियंत्रित होकर पलटने से मौत हो गई थी। पंचायत चुनाव के दौरान उनको लालगंज तहसील का प्रभारी बनाया गया था। चुनावी डयूटी में जाने के लिए कर्मचारियों को पैसे की जरूरत थी। इसलिए उनके पर बार- बार कर्मचारियों को पैसे देने के लिए दबाव बन रहा था। इसलिए वह कार्यालय से उठे और चालक को बिना लिए खुद स्कार्पिया चलाते हुए लालगंज के लिए निकल लिए। इसी अंधे मोड़ पर पहुंचने पर सामने से आ रहे ट्रक से बचने के चक्कर में स्कार्पियो अनियंत्रित होकर कई बार पलट गई। इसी में दबकर पीडी की मौत हो गई थी। उनके गाड़ी से उस समय लगभग चौदह लाख रुपये बरामद हुआ था जो कर्मचारियों को बांटने के लिए ले जा रहे थे।