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योगी सरकार में इन 5 परीक्षाओं में हावी रहे नकल माफिया, जानिए क्यों बढ़ी सरकार की टेंशन

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लखनऊ, 29 नवम्बर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुना से पहले योगी सरकार की मुश्कलों में इजाफा हो सकता है। चुनाव से पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा में सेंध ने सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। अगर पिछले चार सालों की बात करें तो इस दौरान पांच परीक्षाओं पर नकल माफिया हावी रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले टीईटी की परीक्षा लीक होने की वजह से अब विपक्ष ने एक सुर से सरकार पर हमला बोल दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ऐसे माफियाओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा और रासुका लगाई जाएगी। आज हम आपको बताते हैं कि यूपी में पिछले चार साल में कौन कौन सी परीक्षाओं का पेपर लीक हुए और सरकार के लिए मुसीबत का सबब बने।

योगी आदित्यनाथ

चार सालों में पांच परीक्षाओं पर लगा ग्रहण

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनते ही 2017 में दरोगा भर्ती परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा का पेपर एग्जाम शुरू होने से एक घंटे पहले ही लीक हो गया था। इस बाद परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। इसी तरह 2018 में पॉवर कार्पोरेशन की तरफ से जेई और एई की परीक्षा करायी गई थी। इस परीक्षा का भी पेपर आउट हुआ था जिसमें एसटीएफ ने अपनी जांच की थी। बाद में इस परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था। इसी साल अवर अधीनस्थ सेवा के 641 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इसका खुलासा भी एसटीएफ ने किया था। इसी तरह दो सिंतबर 2018 को नलकूप आपरेटर की भीर्त परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था। इसमें यूपी एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफतार किया गया था।

परीक्षा एजेंसियों पर भारी पड़ रहा जालसाजों का नेटवर्क

यूपी में परीक्षाओं के होने से पहले ही जालसाजों का नेटवर्क सक्रिय हो जाता है। परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए एजेंसियों की तरफ से इसमेंतरह की तकनीक का प्रयोग किया जाता है लेकिन सॉल्वर गैंग और जालसाज उसका काट आसानी से ढूंढ ले रहे हैं। टीईटी का पेपर कैसे लीक हुआ यह तो एसटीएफ की जांच में पता चलेगा। अब एसटीएफ परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। इसमें कौन सा गिरोह काम कर रहा है इसका पता लगाने में एसटीएफ की टीम जुटी हुई है।

इस पेपर लीक एवं सॉल्वर गिरोह के सदस्यों ने उगले कई राज

टीईटी की परीक्षा मामले में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के सदस्यों ने कई राज उगले हैं। बताया जा रहा है कि सॉल्वर बिहार से बुलाए गए थे। गिरोह के सदस्यों ने एसटीएफ की पूछताछ में स्वीकार किया है कि इस बार परीक्षा के लिए बिहार से पांच साल्वर बुलाए गए थे। इनमें गया और पटना के साल्वर भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र हैं जिन्हें पैसे का लालच देकर दूसरे की जगह परीक्षा देने के लिए बैठाया गया था।

अब तक 26 लोग गिरफ्तार

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश टीईटी की परीक्षा का पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई जारी है। इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में दो सॉल्वर गैंग के सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। पुलिस के मुताबिक, कौशांबी से गिरफ्तार रोशन सिंह पटेल ने टीईटी की पहली पाली का पेपर लीक किया था, जबकि मेरठ से गिरफ्तार मनीष रवि और धर्मेंद्र ने दूसरी पाली का पेपर लीक किया। इनकी गैंग में कई लोग शामिल हैं। जिन्होंने दूसरी पाली के पेपर की 5 लाख में 10 प्रतियां ली थीं। फिर इसे 50-50 हजार में 50 से 60 अभ्यर्थियों को बेच दिया।

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English summary
mafia dominated these five examinations in five years in Yogi government
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