यूपी: दलित महिला अफसर को नहीं दिया बर्तन में पानी, ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी समेत 6 पर FIR दर्ज
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पशु चिकित्सा अधिकारी को दलित होने की वजह से बर्तन में पानी न दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में 3 ग्राम प्रधान समेत सेक्रेटरी, बीडीसी व कोटेदार के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट में थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस की माने तो मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सीमा ने बताया कि वह जब अंबापुर गांव में विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए गई थी। प्यास लगने पर जब उन्होंने पानी मांगा तो वहां मौजूद लोगों ने पानी देने से इनकार कर दिया। बताया कि अगर बर्तन में पानी देंगे तो बर्तन अशुद्ध हो जाएगा। मामले में डॉ. सीमा ने जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व विधायक से शिकायत की तो अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई शुरू हुई। डॉ. सीमा की तहरीर पर अंबावां पूरब के ग्राम प्रधान शिव संपत, सेक्रेटरी रविदास मिश्रा, बीडीसी झल्लर तिवारी, कोटेदार राजेश सिंह, महिला मखदूम पुर प्रधान पति पवन यादव व प्रधान अंसार अली के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत नगर कोतवाली में केस दर्ज हुआ। एसपी कौशांबी ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।
ग्राम
प्रधान
बोले
झूठा
आरोप
इस
मामले
में
अंबावां
पूरब
के
ग्राम
प्रधान
शिव
संपत
से
जब
मीडिया
कर्मी
की
मोबाइल
पर
बात
हुई
तो
उन्होंने
बताया
कि
ऐसी
घटना
हुई
ही
नहीं
थी।
यह
आरोप
बेबुनियाद
है।
वही,
ग्राम
विकास
अधिकारी
रविदत्त
मिश्रा
ने
सभी
आरोपों
को
सिरे
से
खारिज
करते
हुए
बताया
कि
पानी
की
व्यवस्था
में
थोड़ी
देरी
हुई
थी,
जिससे
महिला
अफसर
नाराज
होकर
चली
गई।
पानी
ना
देना
का
तो
सवाल
ही
नहीं
उठता।