वियतनाम एशियन चैंपियनशिप में मार्शल आर्ट का दमखम दिखाएगा यूपी का ये बुजुर्ग
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर का एक बुजुर्ग खिलाड़ी मार्शल आर्ट में देश के लिये गोल्ड मेडल लाने का दमखम भर रहा है। भारतीय खेल प्राधिकरण ने इस साल वियतनाम में होने वाले एशियन ताइक्वाण्डो चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिये 71 वर्षीय राम गोपाल बाजपेयी के नाम को हरी झंडी दे दी है। जिस उम्र में इंसान को चलने के लिये लाठी का सहारा लेना पड़ जाता है, उम्र की उस दहलीज को पार कर चुके 71 साल के राम गोपाल बाजपेयी प्राचीन युद्धकला "पूमसे" का अभ्यास कर रहे हैं। उनकी ये तैयारी मई माह में वियतनाम में होने वाली एशियन ताइकवांडो चैम्पियनशिप के लिये है।
ब्रूस ली के एंटर दि ड्रैगन से ली प्रेरणा
बाजपेयी ने साल 2016 में हुगली में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण ने उन्हें 12 अप्रैल को ट्रायल के लिये बुलाया था और एशियन ताइक्वांडो म्पियनशिप के लिये फिट करार दिया। राम गोपाल के खाते कई उपलब्धियां दर्ज हैं। युवावस्था में उन्होने मार्शल आर्ट के महान कलाकार ब्रूस ली की फिल्म "एंटर दि ड्रैगन" देखी थी। कुछ साल बाद उन्होंने भारत में ताइक्वांडो के पितामह जिमी जिगतियानी की देखरेख में मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लिया और 1987 में ब्लैक बेल्ट हासिल की। बारह साल पहले बीएसएनएल से रिटायरमेंट के बाद उन्होने पूरा जीवन इस युद्ध कला के नाम कर दिया।
पांच भाषाओं के जानकार हैं राम गोपाल बाजपेयी
कामयाबी का चस्का किसे कहते हैं, ये कोई राम गोपाल बाजपेयी को देखकर सीखे। महज टेक्नीशियन की नौकरी से अपना करियर शुरू करने वाले बाजपेयी बीएसएनएल की विभागीय परीक्षाएं देते हुए डिवीजनल इंजीनियर के पद तक पहुंचे। पांच क्षेत्रीय भाषाओं के जानकार बाजपेयी अब तक देश के सभी राज्यों की स्पर्धाओं के अलावा नेशनल टूर्नामेंट में अपना सिक्का जमा चुके हैं। उन्हें पता है कि एशियन चैम्पियनशिप में उनका मुकाबला कोरिया, चीन और जापान के मंझे हुए खिलाड़ियों से होगा। इस खेल की पिछली स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों के नाम कोई छोटी उपलब्धि भी दर्ज नहीं है, इसलिए भारतीय खेल प्राधिकरण वियतनाम टूर को लेकर कोई बहुत उत्साहित नहीं हैं लेकिन इस 71 वर्षीय खिलाड़ी के जज्बे को खेल अधिकारी भी सलाम कर रहे हैं।
एशियन गेम्स में न खेल पाने का मलाल
एशियन ताइक्वांडो चैम्पियनशिप के बाद 12 अगस्त से जकार्ता में एशियन गेम्स भी होने हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण इस स्पर्धा में 17 से 30 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ी ही भेजता है। सरकार की इस नीति के चलते बाजपेयी एशियाड में भाग नहीं ले पायेगें और उन्हें इसका मलाल बना रहेगा।