मंदिर में ना घुसने पाए दलित परिवार इसलिए रास्ते में लगा दी लोहे की ग्रिल
कानपुर। यूपी के कानपुर में हुए विवाद ने एक बार फिर जातिवाद का बखेड़ा खड़ा कर दिया है। जिसमें भेदभाव भूल जाने के लगाए जा रहे नारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहाँ एक परिवार को दलित होने की वजह से मंदिर में पूजा पाठ करने से मना कर दिया गया। जिसका विरोध करने पर मंदिर में जाने वाले रास्ते को लोहे की ग्रिल लगाकर ताला लटका दिया है और प्रशासन है कि शिकायत के बावजूद भी खामोश है।
आजाद नगर के प्रभु विला अपार्टमेंट का मामला
कानपुर के आजाद नगर स्थित चिड़ियाघर के सामने बने प्रभु विला अपार्टमेंट में रहने वाला सोनकर परिवार जिसे सबसे अधिक दुःख है कि भगवान ने उन्हें इस धरती पर जन्म तो दिया लेकिन अब उन्हीं की आस्था से इन्हें दूर रहने का फरमान जारी कर दिया गया है जिसके पीछे उनका दलित होना मुख्य वजह बताई जा रही है। आस्था और जातिवाद का यह विवाद उस समय गहरा गया जब किरण सोनकर ने अपने बेटे इशू के साथ इस अपार्टमेंट में फ़्लैट लिया था और उन्हें सबसे अधिक ख़ुशी इस बात की थी कि जिस अपार्टमेंट में उन्होंने फ़्लैट लिया है उसमे मंदिर भी है लेकिन किरण सोनकर और उनके बेटे को यह नहीं मालूम था कि उनका दलित होना उनकी आस्था में रोड़ा बन जाएगा और हुआ भी वही। पड़ोस में रहने वाले गौड़ परिवार ने पहले तो उन्हें मंदिर में दर्शन करने से रोका और फिर दलित का ताना देते हुए मंदिर के रास्ते को मोटी लोहे की ग्रिल से बंद कर दिया जिसका जिक्र करते हुए उनकी आँखों में आँसू भर आते हैं।
पीड़ित पक्ष ने एसपी से की शिकायत
पीड़ित इस परिवार ने पूरे मामले की शिकायत जिले के एसएसपी अखिलेश मीणा से की। जिसपर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश तो जारी हुए लेकिन क्षेत्रीय नवाबगाजण थाने की पुलिस लीपापोती करने में लगी है। वहीं सोनकर परिवार की पीड़ा को देखते हुए पड़ोसी भी इसे गलत बताते हैं। साथ ही अपार्टमेंट मालिक रवि सिन्हा का मानना है कि जिस देश में हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई-भाई का उपदेश दिया जाता है। वहां ऐसा होना सरासर गलत है।
पुलिस करेगी मदद
हालांकि मामला मीडिया तक पहुंचने के बाद पुलिस ने मौके का जायजा तो लेना शुरू कर दिया है लेकिन इस विवाद से यह साबित होता है कि जिस भाजपा सरकार में दलितों के गांव जाकर उनकी समस्याओं को हल करने का काम किया जा रहा है। वहीं एक परिवार की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है।