#KairanaByElection: योगी आदित्यनाथ बोले- अखिलेश यादव में दम नहीं, यहां आकर चुनाव प्रचार करें
कैराना (यूपी)। उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान एक बार फिर से तेज होने लगा है। कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पिछली अखिलेश सरकार पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव में दम नहीं है कि वह यहां आकर चुनाव प्रचार करें, क्योंकि उनके हाथ मुजफ्फरनगर दंगों के खून से सने हैं। बिजली के वितरण का मुद्दा उठाते हुए यूपी के सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किस तरह से बिजली के वितरण में भेदभाव किया जाता था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता, लेकिन विकास के लिए हमें इस प्रकार का माहौल बनाना पड़ेगा। विकास का रास्ता जातिवाद मजहब और तुष्टिकरण की राजनीति नहीं रोक सकती है। बीजेपी इस इच्छाशक्ति के साथ आपके पास आई है। जब मैं पहली बार इस क्षेत्र में आया तो यहां के लोगों ने कई बातें रखी। बिजली के वितरण का मुद्दा उठाते हुए यूपी के सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किस तरह से बिजली के वितरण में भेदभाव किया जाता था। उन्होंने कहा कि इनसे पूछा जाना चाहिए कि आखिर बिजली चार ही जिले क्यों मिलती थी। हमने बिजली वितरण प्रक्रिया में बदलाव किया, इलाके में किसानों के घरों में 18 घंटे बिजली दी गई। हम लोगों ने हर जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली दी है। तहसील मुख्यालयों को 20 घंटे और शेष ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर काम कर रहा है 18 घंटे बिजली आपूर्ति का कार्य किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैफई महोत्सव के नाम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च हो जाते थे, जनता अभाव में जिंदगी गुजारती थी। हमने बेसिक शिक्षा विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खास कदम उठाए। यूनिफॉर्म से लेकर जरूरी वस्तुएं मुहैया कराने के लिए कदम उठाए। हम किसी जाति विशेष के लिए विकास नहीं करते हैं। हमारा लक्ष्य सबका साथ सबका विकास है। फूलपुर और गोरखपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद इस बार योगी आदित्यनाथ कैराना लोकसभा उपचुनाव में खास फोकस कर रहे हैं। इस रैली के जरिए उन्होंने जता दिया कि वो विपक्षी खेमे को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने देना चाहते।
इसे भी पढ़ें:- कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह से पहले नई मांग ने बढ़ाई गठबंधन की परेशानी