जज ने अपने ही बडे़ भाई को 3 घंटे तक कटघरे में किया खड़ा, बहस हुई, फिर ऐसे मिली जमानत
इलाहाबाद। यूपी में (इलाहाबाद) प्रयागराज की कोर्ट से एक दिलचस्प प्रकरण सामने आया जब, जज के बड़े भाई का मुकदमा कोर्ट में पहुंचा। सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्पेशल जज के बड़े भाई को कोर्ट में हाजिर किया गया, 3 घंटे तक वह कटघरे में ही छोटे भाई के सामने खड़ा रहा। मुकदमे पर बहस सुनने के बाद जज ने अपने बड़े भाई को जमानत दे दी। यह प्रकरण जब न्यायालय कक्ष से बाहर आया तो हर तरफ चर्चे होने लगे कि जज ने अपने ही बडे़ भाई को 3 घंटे तक कटघरे में खड़ा किया, फिर जमानत दी।
लोग
बोले-
कानून
के
समक्ष
सभी
एक
समान
हैं
प्रकरण
को
लेकर
ज्यादातर
लोगों
ने
कहा
कि
यही
कानून
की
जीत
है।
वहीं
कुछ
ने
कहा
कि
कानून
के
समक्ष
सभी
एक
समान
हैं।
इसी
बात
की
मिसाल
स्पेशल
कोर्ट
के
स्पेशल
जज
पवन
कुमार
तिवारी
ने
पेश
की
है।
यह
था
मामला
यूपी
के
भदोही
से
भाजपा
विधायक
रवीन्द्र
नाथ
त्रिपाठी
पर
आचार
संहिता
उल्लंघन
के
दो
मामलों
में
दर्ज
हैं।
इस
मामले
की
सुनवाई
प्रयागराज
स्थित
एमपी
एमएलए
विशेष
कोर्ट
में
हो
रही
थी।
पिछली
सुनवाई
में
भाजपा
विधायक
रवींद्रनाथ
जब
हाजिर
नहीं
हुए
तो
उनके
विरुद्ध
स्पेशल
जज
पवन
कुमार
तिवारी
ने
गैर
जमानती
वारंट
जारी
किया।
जिसके
बाद
मंगलवार
को
विधायक
रवींद्नाथ
कोर्ट
में
हाजिर
हुए
और
न्यायालय
के
समक्ष
जमानत
की
अर्जी
दी।
मामले
की
सुनवाई
शुरू
हुई
तो
पूरी
सुनवाई
के
दौरान
भाजपा
विधायक
रवींद्नाथ
को
न्यायिक
अभिरक्षा
में
लेकर
उन्हें
कटघरे
में
खड़ा
कर
दिया
गया।
स्पेशल
कोर्ट
ने
जमानतीय
अपराध
होने
पर
विधायक
रविंद्र
नाथ
की
अर्जी
मंजूर
कर
ली
और
बीस-बीस
हजार
की
दो
जमानतें
और
मुचलका
दाखिल
करने
पर
रिहा
कर
दिया।
विधायक
के
छोटे
भाई
हैं
जज
प्रयागराज
की
एमपी
एमएलए
स्पेशल
कोर्ट
के
स्पेशल
जज
पवन
कुमार
तिवारी
रिश्ते
में
भदोही
के
भाजपा
विधायक
रविंद्र
नाथ
के
छोटे
भाई
हैं।
वह
बड़े
पिताजी
के
बेटे
हैं।
हालांकि
मंगलवार
को
जब
जमानत
कराने
के
लिए
स्पेशल
कोर्ट
में
विधायक
जब
सरेंडर
करने
पहुंचे
तो
स्पेशल
कोर्ट
न्यायाधीश
पवन
कुमार
तिवारी
ने
उनके
साथ
छोटे
भाई
की
तरह
व्यवहार
ना
कर
वैसा
ही
व्यवहार
किया,
जैसा
हाजिर
होने
वाले
अन्य
माननीयों
के
साथ
करते
हैं।
जज
ने
विधायक
जी
को
अभियुक्तों
वाले
कटघरे
में
खड़ा
करने
का
आदेश
दिया
जिसके
बाद
भाजपा
विधायक
रवींद्नाथ
को
न्यायिक
अभिरक्षा
में
लेकर
उन्हें
कटघरे
में
खड़ा
कर
दिया
गया।
विधायक
भी
सामान्य
तरीके
से
चुपचाप
कटघरे
में
जाकर
खड़े
हो
गए।
इस
दौरान
लगभग
3
घंटे
तक
मुकदमे
की
सुनवाई
हुई
और
पूरे
समय
विधायक
जी
कठघरे
में
ही
खड़े
रहे
बहस
पूरी
होने
के
बाद
कोर्ट
ने
जमानतीय
अपराध
होने
वह
जमानत
से
संबंधित
पूरी
कानूनी
प्रक्रिया
पूरी
करने
पर
विधायक
रविंद्र
नाथ
की
जमानत
अर्जी
मंजूर
कर
ली
और
बीस
बीस
हजार
की
दो
जमानतें
और
मुचलका
दाखिल
करने
पर
रिहा
कर
दिया।
आचार
संहिता
उल्लंघन
का
मुकदमा
एमपी-एमएलए
स्पेशल
कोर्ट
में
सुने
गए
मुकदमे
के
अनुसार,
भाजपा
विधायक
रविंद्र
नाथ
पर
18
फरवरी
2017
को
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
उनपर
भदोही
थाने
में
आचार
संहिता
के
उल्लंघन
का
मामला
दर्ज
किया
गया
था।
भाजपा
विधायक
पर
आरोप
था
कि
उन्होंने
बिना
अनुमति
के
मोड़
ग्राम
सभा
में
लाउडस्पीकर
लगाकर
जनसभा
की
और
भाषण
दिया
इस
दौरान
रास्ता
भी
जाम
हो
गया।
जबकि
उस
क्षेत्र
में
धारा
144
भी
लागू
थी।
आचार
संहिता
व
धारा
144
का
उल्लंघन
करने
के
मामले
में
उन
पर
मुकदमा
दर्ज
हुआ।
जबकि
दूसरा
मामला
भदोही
के
चौरी
थाने
में
19
फरवरी
2017
को
दर्ज
हुआ।
उसमे
भी
बिना
अनुमति
के
रवीन्द्र
नाथ
त्रिपाठी
द्वारा
भाषण
करने
के
आरोप
में
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
यह
दोनो
मामले
अब
स्पेशल
कोर्ट
में
पहुंचे
हैं।
जिस
पर
सुनवाई
के
दौरान
जब
विधायक
हाजिर
नहीं
हुए
तो
उनके
विरुद्ध
गैर
जमानती
वारंट
जारी
किया
गया
था।