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शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट का झटका, इन वजहों से अब नहीं मिलेगी 68500 शिक्षक भर्ती में नौकरी

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इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्रों को एक बार फिर से न्यायपालिका ने जोरदार झटका दिया है। जिससे 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पास ना होने के बावजूद वेटेज अंक के सहारे सफल होने की उम्मीद कर रहे शिक्षामित्रों की उम्मीद धूमिल हो गई है। यानी 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में निर्धारित कट ऑफ में शामिल ना हो पाने वाले शिक्षामित्रों को नौकरी नहीं मिल सकेगी। उन्हें वेटेज अंक देकर निर्धारित कट ऑफ में शामिल होने का मौका नहीं दिया जाएगा।

highcourt orders not to add weight age before the counseling process of 68500 teacher recruitment

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों द्वारा वेटेज अंक दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की। डबल बेंच ने शिक्षामित्रों की याचिका खारिज करते हुये वेटेज अंक दिए जाने से इन्कार कर दिया है। हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों को वेटेज अंक दिए जाने पर स्थिति साफ करते हुए कहा कि वेटेज अंक का लाभ उन्हीं शिक्षामित्रों को मिलेगा जो 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पास हुए हैं। यानी जो कट-ऑफ में पहले से ही शामिल हैं उन्हें ही भारांक का लाभ मिलेगा। हालांकि ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फिर शिक्षामित्रों को दिए जाने वाले वेटेज अंक का क्या औचित्य है? क्योंकि जब वह सीधे ही भर्ती परीक्षा में पास होकर चयनित हो गए हैं तो ऐसे में वेटेज अंक उन्हे आखिर किस तरह लाभ देगा।

क्या है मामला
गौरतलब है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में 7224 शिक्षामित्र पास हुए हैं। जबकि हजारों शिक्षामित्र कट ऑफ से कुछ अंक कम पाने के कारण भर्ती परीक्षा पास नहीं कर सके हैं। ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि सरकार द्वारा भारांक दिए जाने का जो वादा किया गया था सरकार उसे निभाएगी और लिखित परीक्षा में मिले अंकों में जब भारांक जोड़ दिया जाएगा तो वह आसानी से कट ऑफ में शामिल होकर टीचर के पद पर चयनित हो जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा वेटेज अंक जब नहीं दिया गया तो शिक्षामित्रों ने वेटेज अंक दिए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों की मांग को अस्वीकार कर दिया और उनकी याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में शिक्षामित्रों को कहना है कि वह अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। क्योंकि शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद उन्हें वेटेज अंक दिए जाने का आदेश दिया गया था। ऐसे में उन्हें वेटेज अंक ना दिया जाना उनके अधिकारों का हनन है।

हाईकोर्ट ने ही दी थी राहत
उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने वाले शिक्षामित्रों के लिए चंद दिन पहले ही हाईकोर्ट ने राहत दी थी और कुछ अंकों की कमी से पास में होने वाले शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल होने का आदेश दिया था। उस वक्त हाई कोर्ट ने उन सभी शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश दिया था जिन्होंने याचिका दाखिल की थी। लेकिन अब हाईकोर्ट ने अपने ताजा फैसले में शिक्षामित्रों को वेटेज अंक दिए जाने पर बुरी तरह झटका दे दिया है और यह साफ कर दिया है कि जो शिक्षामित्र कट ऑफ में पहले से ही शामिल हो चुके हैं उन्हें ही वेटेज अंक का लाभ दिया जाएगा।

25 अंक तक मिलना था भारांक
याचिका के अनुसार 68500 शिक्षक भर्ती में 41556 अभ्यर्थी सफल हुये हैं। जिनमे शिक्षामित्र भी शामिल है। लेकिन इस भर्ती में शामिल सभी शिक्षामित्रों को उनके सेवाकाल के अनुसार 2.5 अंक प्रतिवर्ष के तौर पर अधिकतम 25 अंक तक भारांक दिया जाना था। जो अब तक नहीं दिया जा सका है। जबकि इसके लिये शासनादेश भी जारी हुआ था। लेकिन, भारांक ना दिये जाने पर ही शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर अपनी मांग रखी थी। याद दिला दें कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई, 2017 को रद कर दिया था। इससे आहत शिक्षामित्रों ने आंदोलन-प्रदर्शन किया। शिक्षामित्र चाहते थे कि सरकार अध्यादेश लाकर उन्हें नियमित कर दें। इसके बजाए योगी सरकार ने उन्हें नियमानुसार नियुक्ति दिलाने का रास्ता चुना था। यही वजह है कि शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर शिक्षामित्रों को दो अवसर देने के लिए 68500 सहायक अध्यापक भर्ती निकाली गई और समय पर टीईटी परीक्षा का आयोजन किया गया। सरकार की मंशा शुरू में यही थी कि परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षामित्रों को ढाई से 25 अंकों तक का वेटेज अंक देकर उनके चयन को आसान बना दिया जाएगा।

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English summary
highcourt orders not to add weight age before the counseling process of 68500 teacher recruitment
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