पालतू बिल्ली की मौत नहीं सह सकी छात्रा, पी लिया जहर
सहारनपुर के शारदा नगर में पालतू बिल्ली को आवारा कुत्तों द्वारा शिकार बना लिए जाने के बाद बिल्ली की मालकिन लड़की ने ऐसा कदम उठा लिया कि हर कोई दंग रह गया।
सहारनपुर। जिस तरह से आज व्यक्ति घर में कुत्ते पालने का शौक रखता है उसी तरह से दूसरे अन्य व्यक्ति अन्य जानवरों को पालने का शौक रखता है। यह शौक उस समय और अधिक खतरनाक हो जाता है तब पालतू जानवर की मौत हो जाती है और व्यक्ति जानवर के प्यार में पालग होकर गलत कदम उठा लेता है। सहारनपुर के शारदा नगर में पालतू बिल्ली को आवारा कुत्तों द्वारा शिकार बना लिए जाने के बाद बिल्ली की मालकिन लड़की ने ऐसा कदम उठा लिया कि हर कोई दंग रह गया।
थाना कुतुबशेर के शारदानगर निवासी टीटू की 17 वर्षीय पुत्री बरखा ने करीब दो साल पहले एक बिल्ली के बच्चे का भरण पोषण शुरु किया था तो बरखा को भी इसका अंदेशा नहीं रहेगा कि जिस बिल्ली के बच्चे का वह भरण पोषण कर रही है, आगे चलकर वह उनका फैमिली मेंबर हो जाएगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही। जैसे-जैसे बिल्ली का फीमेल बच्चा बड़ा होता गया, परिवार के सदस्यों का लगाव उससे बढ़ता गया। अब यह बच्चा पूरी तरह से जवान हो चुका था और बिल्ली बन चुका था।
बिल्ली
की
मौत
से
अवसाद
में
आई
लड़की
इस
बिल्ली
को
परिवार
के
सदस्यों
ने
किसी
तरह
का
नाम
तो
नहीं
दिया
था,
लेकिन
परिवार
के
सभी
सदस्य
इससे
बेहद
प्यार
करते
थे।
चार
दिन
पहले
यह
बिल्ली
घर
से
बाहर
निकल
गई
तो
गली
के
आवारा
कुत्तों
ने
उसे
घेर
लिया
और
अपना
शिकार
बना
डाला।
तभी
बरखा
मानसिक
तनाव
में
आ
गई।
चार
दिन
से
वह
लगातार
रो
रही
थी,
परिवार
तथा
अन्य
लोग
उसे
समझा
रहे
थे,
लेकिन
बरखा
का
तनाव
कम
होने
की
बजाय
बढ़ता
ही
जा
रहा
था।
इसी
तनाव
के
चलते
बरखा
ने
देर
रात
आत्मघाती
कदम
उठा
लिया
और
घर
में
रखे
जहरीले
पदार्थ
का
सेवन
कर
लिया।
जहरीले पदार्थ का सेवन करने से पहले तो बरखा के पेट में तेज दर्द हुआ। उसे पेट दर्द की दवा दी गई, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ और परिवार के सदस्यों का जहर सेवन की जानकारी देने पर बरखा के परिजनों की सांसे अटक गई। आनन फानन में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। देर रात ही उसे एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि अब बरखा की जिंदगी खतरे से बाहर है।
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