उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

'मोहम्मद' के बाद अब मोदी के क्षेत्र में 'खुर्शीद' ने पेश की गौ सेवा की मिसाल

इन्होंने 'कान्हा वन' बनाकर सिर्फ सेवा ही नहीं बल्कि सड़कों पर घूम रही बीमार गायों के इलाज का भी बीड़ा उठाया है...

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

वाराणसी। भारतीय राजनीत में गायों को लेकर हो रही बयानबाजी से दूर पीएम मोदी की काशी में एक शख्स ऐसा भी है जो 6 सालों से लगातार गौ सेवा करता आ रहा है। यही नहीं इसके लिए इन्होंने 'कान्हा वन' बनाकर सिर्फ सेवा ही नहीं बल्कि सड़कों पर घूम रही गयों की भी बीमारी के इलाज का भी बीड़ा उठाया है। इसके लिए वो अपने साथियों के साथ कई-कई किलोमीटर पैदल तक चले जाते हैं। शहर के लल्लापुरा के चश्मा व्यवसायी एमएस खुर्शीद को गायों की सेवा का वो जूनून है कि उन्होंने अब 6 सालों में 40 से ऊपर बीमार गाय-बैलों की जिंदगियां बचाई है।

एक गाय की मौत ने बना दिया खुर्शीद को गौ सेवक

एक गाय की मौत ने बना दिया खुर्शीद को गौ सेवक

OneIndia से बात करते हुए खुर्शीद ने बताया कि रात के समय में अपने व्यापारिक जीवन के बाद गायों और अन्य पशुओं की सेवा के लिए वो डिटॉल, टॉर्च, दवाइयां, पट्टी साथ लेकर चलते हैं। जरुरत पड़ने पर डॉक्टर को भी कॉल करते हैं। यही नहीं खुर्शीद ने इससे हटकर अब तक 17 गरीब लड़कियों की शादी भी कराई है, जिसमें 3 हिन्दू और 14 मुस्लिम लड़कियां शामिल हैं।

एमएस खुर्शीद ने हमे बताया की आज से 6 साल पहले वाराणसी के गोदौलिया से उन्होंने इस सेवा की शुरुआत की थी। खुर्शीद का कहना है कि दरसअल 6 साल पहले एक दिन मैं अपने शॉप को रात में बंद करके आ रहा था कि अचानक से मेरी निगाह एक गाय पर पड़ी जो ठंड की वजह से बीमार होकर सड़क पर गिर पड़ी और उसके मुंह से झाग आ रहा था। मुझसे देखा नहीं गया और मैंने अपने शॉप को दुबारा खोलकर अंदर रखे हुए दफ्ती के टुकड़ों को उसके पास रख कर जला दिया जिससे उसे ठंड में आराम मिल सके। यही नहीं अपने घर से मैंने उस गाय को कंबल मंगवाकर उढ़ाया और उसे अजवाइन-गुड़ तक खिलाया। रात को डाक्टरों को फोन किया पर कोई नहीं आया। सुबह एक डाक्टर को बुलाकर उसे दिखाया और दवाइयां भी दी। तीन दिनों तक लगातार उस गाय की सेवा की पर गाय की उसी सड़क पर मौत हो गई। तीन दिनों के लगाव के बाद मुझे लगा की जैसे मेरे परिवार के किसी शख्स की मौत हो गई हो। उसकी मौत ने मुझे अंदर से हिलाकर रख दिया और मैंने उसी दिन से कसम खाई की मेरी जानकारी में आने वाली किसी भी लावारिस गाय, बैल को मैं मरने नहीं दूंगा।

'पहले बिरादरी के लोग मारते थे ताना अब तो खुद ही बुलाते हैं'

'पहले बिरादरी के लोग मारते थे ताना अब तो खुद ही बुलाते हैं'

खुर्शीद बताते हैं की उस गाय की मौत के बाद से शुरू हुई इस मुहिम में कई अड़चने आई। अपनों से लेकर गैरों तक गौ माता की सेवा के मेरे इस जूनून को देखकर मुझे पागल समझना शुरू कर दिया गया, गौ सेवा करते हुए कभी-कभी मुझे इस लावारिस पशुओं से मार खानी पड़ी तो कहीं-कहीं लोगों ने मुझे मारा बावजूद इसके न तो मेरा गौ सेवा का भाव मिटा और न ही मैने गायों को छोड़ा। अब तक 40 से ऊपर लावारिस गायों और बैलों का इलाज मैंने अपने टीम के साथ मिलकर किया है। यही नहीं अब तो आलम ये है की जिन लोगों को मेरे बारे में जानकारी है वो बनारस के अलग-अलग इलाकों से मुझे फोन कर बुलाते हैं और मुझे सेवा करने का मौका मिलता है। इस सेवा में मेरे सबसे बड़े सहयोगी मौलाना कलाम साहब हैं।

राष्ट्रपति से भी मिल चुके हैं खुर्शीद

राष्ट्रपति से भी मिल चुके हैं खुर्शीद

खुर्शीद यही नहीं कई और भी सामाजिक सेवा करते हैं, जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का भी सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। लल्लापुरा, सिगरा के निवासी एमएस खुर्शीद विद्यापीठ से ग्रेजुएट हैं। 10 सालों से चश्मे का व्यापार करते हैं और इस्लामिक फाउंडेशन ऑफ इंडिया के फाउंडर प्रसिडेंट भी हैं। इसके आलावा नेपाल में भूकंप के समय एक ट्रक राहत सामग्री के साथ इन्होंने वहां भी राहत कार्य में मदद की थी। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के समय भी राहत कार्य और मदद सामग्री पहुंचाई थी। शिव की नगरी काशी में सावन के महीने में लगने वाले कैंप लगाकर भी ये कावरियों की सेवा करते हैं।

सम्मान के यूं ही नहीं हैं हकदार

सम्मान के यूं ही नहीं हैं हकदार

जेल में बंदियों के लिए ईद मिलन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ गंगा मिशन में अपना सहयोग देते हुए इन्होंने गंगा की स्वच्छता के लिए तत्पर्ता भी दिखाई है। हज यात्रा के लिए वाराणसी से जाने वालों गरीब भाइयों को भी ये सहयोग करते हैं। खुर्शीद की एक खासियत और भी है उन्होंने इसके अलावा बरेली शरीफ के धर्मगुरु मौलाना नुमान रजा द्वारा अरबी कुरान को उर्दू और उर्दू को हिंदी में ट्रांसलेट करवाया है। जिससे सभी लोग कुरान की आयतें समझ सकें, इसकी पहली हिंदी प्रति जुलाई 2016 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेट की जा चुकी है।

<strong>Read more: शराब की दुकान हटाने के लिए मंदिर की हड़ताल, सालों-साल पुराने मंदिर को लगाया ताला</strong>Read more: शराब की दुकान हटाने के लिए मंदिर की हड़ताल, सालों-साल पुराने मंदिर को लगाया ताला

Read this: इससे पहले शाहजहांपुर के 'मोहम्मद' भी गौ सेवा की पेश कर चुके हैं मिसालRead this: इससे पहले शाहजहांपुर के 'मोहम्मद' भी गौ सेवा की पेश कर चुके हैं मिसाल

{promotion-urls}

दीपिका पादुकोण का Oreal Paris के लिए ये अंदाज

Comments
English summary
Example of cow's service in varanasi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X