मिर्जापुर: सपा छोड़ पूर्व सांसद पकौड़ी कोल अपना दल में हुए शामिल, बेटे को दिलाया टिकट
भाजपा-अपना दल गठबंधन ने पांच प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इसमें मिर्जापुर के छानबे सीट से अपना दल (एस) ने सपा के पूर्व सांसद पकौड़ी कोल के बेटे राहुल कोल को प्रत्याशी बनाया है।
मिर्जापुर। अनुप्रिया पटेल के अपना दल (एस) और भाजपा के बीच गठबंधन की सीटों पर विवाद सुलझ गया है। इसी क्रम में अनुपिया पटेल ने भाजपा-अपना दल गठबंधन के तहत पांच प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इसमें मिर्जापुर के छानबे सुरक्षित सीट से अपना दल (एस) ने सपा के पूर्व सांसद पकौड़ी कोल के बेटे राहुल कोल को प्रत्याशी बनाया है। पकौड़ी कोल सपा के टिकट पर राबर्ट्सगंज से सांसद और छानबे विधानसभा से विधायक रह चुके है। लेकिन इस बार सपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने पाला बदल लिया है। पूर्व सांसद पकौड़ी कोल अपने बेटे राहुल कोल और समर्थकों के साथ साइकिल की सवारी छोड़ अपना दल में शामिल हो गए हैं।
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किन-किन सीटों पर अपना दल (एस) ने उतारे अपने प्रत्याशी
किन-किन सीटों पर अपना दल (एस) ने उतारे अपने प्रत्याशी
भाजपा-अपनादल
(सोनेलाल)
के
बीच
टिकटों
को
लेकर
होने
वाले
समझौते
के
लिए
लंबे
समय
तक
पेंच
फंसा
रहा।
दोनों
दलों
के
राष्ट्रीय
नेतृत्व
के
बीच
चले
कई
दौर
के
मंथन
के
बीच
समझौता
हो
गया
है।
अपना
दल
(सोनेलाल)
की
नेता
अनुप्रिया
पटेल
की
संस्तुति
पर
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
ब्रजेन्द्र
प्रताप
सिंह
ने
पांच
प्रत्याशियों
की
सूची
जारी
की।
इसमें
मिर्जापुर
के
छानबे
विधानसभा
से
राहुल
कोल,
फतेहपुर
के
जहानाबाद
सीट
से
जय
कुमार
जैकी
पटेल,
प्रतापगढ़
से
डॉ.
आरके
वर्मा,
सिद्धार्थनगर
के
शहरतगढ़
से
चौधरी
अमर
सिंह
और
प्रतापगढ़
सदर
से
संगमलाल
गुप्ता
को
प्रत्याशी
घोषित
किया
गया
है।
अनुप्रिया
ने
भाजपा
और
अपना
दल
के
पदाधिकारियों
और
कार्यकर्ताओं
से
इन
प्रत्याशियों
का
चुनाव
में
सहयोग
करने
की
अपील
की
है।
सपा से भरोसा उठने के बाद राहुल कोल ने पार्टी बदलने का लिया फैसला
छानबे से गठबंधन के प्रत्याशी घोषित होने वाले राहुल कोल ने कहा कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक है। पिता के साथ वह भी साल 2002 से पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गए थे। वो साल 2006 में सपा के सदस्य बने। 2007 और 2012 के चुनाव में मड़िहान और छानबे विधानसभा से प्रभारी की भी भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन पार्टी की ओर से समाज के लिए कोई ऐसा काम नहीं किया गया जिसे लोगों के बीच में बताया जा सके। इसलिए उनका पार्टी से मन खिन्न चल रहा था। यही कारण था कि उन्होंने पार्टी बदल दी।
बीडीसी से सीधे विधानसभा प्रत्याशी बने राहुल कोल
मिर्जापुर जिले के पटेहरा ब्लाक के पटेहरा कला गांव के निवासी राहुल कोल साल 2005 में बीडीसी रह चुके हैं। उसके बाद पिता और पूर्व सांसद, विधायक पकौड़ी लाल कोल की उंगली पकड़कर राजनीति का ककहरा सीखा। इसके बाद सपा कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते रहे। लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया और छानबे सुरक्षित सीट से टिकट पाने में सफल हो गए।
राहुल की पारिवारिक पृष्ठभूमि पूरी तरह राजनीतिक है। दादी धनपत्ती देवी लगातार 50 सालों तक गांव की प्रधान रहीं। मां पन्ना देवी दो बार पटेहरा की ब्लाक प्रमुख रही हैं। चाची नगीना देवी जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। पिता पकौड़ी लाल कोल सांसद और विधायक रह चुके हैं। राहुल खुद भी दस साल से राजनीति में पूरी तरह सक्रिय रहे हैं।
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