मध्य प्रदेश: मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रशासन से टकराए आयोजक, तनाव के बाद पूरे इलाके में धारा 144 लागू
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित ग्वारीघाट में देवी मूर्ति के विसर्जन को लेकर पुलिस और समिति के बीच विवाद हो गया। इस विवाद को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। समिति के लोग प्रशासन के इस रवैये से नाराज हो गए और आधा दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगा दी। विवाद की भनक लगते ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित तमाम लोग मौके पर पहुंच गए और स्थिति को नियंत्रण में किया। जिला प्रशासन द्वारा ग्वारीघाट क्षेत्र में 144 धारा लगा दी गई है।
आपको बता दें कि शहर के लटकारी पड़ाव इलाके में नवरात्र के दौरान महाकाली की प्रतिमा रखी जाती है। जिन्हें जबलपुर की महारानी कहा जाता है। दशहरा में जब शहर के सभी पंडालों की मूर्तियां विसर्जित हो जाती हैं तब तीसरे दिन महाकाली को विसर्जित करने के लिए निकाला जाता है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद दूसरे दिन सुबह महाकाली ग्वारीघाट पहुंचती हैं। शहर के लोग महाकाली के दर्शन के लिए रात भर जागरण करते हैं।
क्यों हुआ विवाद
जबलपुर की महारानी जब सुबह ग्वारीघाट पहुंची तो समिति के लोग मूर्ति को नर्मदा घाट पर विसर्जन के लिए ले जाना चाह रहे थे। जिला प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन के लिए ग्वारिघाट में एक कृत्रिम विसर्जन कुंड बनाया है। प्रशासन द्वारा समिति के लोगों को मूर्ति को विसर्जन कुंड में ले जाने के लिए कहा गया। इस बात को समिति के लोगों ने अनसुना कर दिया और बैरियर तोड़ते हुए मूर्ति को ग्वारीघाट के नर्मदा कुंड ले जाने लगे। इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो समिति के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। पुलिस और समिति के लोगों के बीच हुए विवाद में कई पुलिस के जवान घायल हो गए हैं। पुलिस ने समिति के लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि दशहरा खत्म होने के बाद भी लोग मूर्ति का विसर्जन लगातार कर रहे हैं। प्रशासन के बनाए गए विसर्जन कुंड में मूर्ति विसर्जित न करने के कारण ये ये विवाद हुआ है, जिसके लिए समिति के लोगों पर मामला दर्ज किया जाएगा।