आदमखोर कुत्ता बना चुनावी मुद्दा, 40 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार
आदमखोर कुत्तों के आतंक से बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के लोग त्रस्त हैं। वे अब नेताओं से इन कुत्तों से बचाने की अपील कर रहे हैं।
बरेली। उत्तर प्रदेश में चुनाव में कुछ ही समय बचा है । ऐसे में नेता और जनता दोनों एक दूसरे का ध्यान खींचने में लगे हुए हैं। बहेड़ी के लोग भी अपने जनप्रतिनिधियों के सामने ऐसा मुद्दा रख रहे हैं जो आमतौर पर कभी देखने और सुनने में आता नहीं । दरसल बहेड़ी के लोगों की समस्या आदमखोर कुत्ते हैं जो शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में अपना आतंक फैला रहे हैं। इस विधानसभा में अब तक कुत्तों ने 14 से अधिक मासूमों को अपना निशाना बनाया है, साथ ही 40 से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल किया है।
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इसके बावजूद बहेड़ी के लोगों को इस समस्या से निजात नहीं मिल पाई है। इस समस्या के पीछे के कई कारण हैं जिसमें सबसे पहला कारण अवैध पशुओं की कटान और इस क्षेत्र में बहने वाली नदी में मृत पशु का पाया जाना। जब खूंखार कुत्तों को खाना नसीब नहीं होने के हालात में यह आदमखोर मासूम बच्चों को अपना शिकार बनांते है।
प्रशासन ने ऐसे खूंखार कुत्तों को पकड़ने के साथ उसे चिन्हित करने का काम किया है लेकिन उसके बाद भी इंसानों पर आदमखोर कुत्तों के हमले रुके नहीं है। अब एक नज़र डालते है बहेड़ी के उन क्षेत्रों में जहां कुत्ते इंसानी जिंदगी पर भारी पड़े । बहेड़ी में 5, आदलपुर में 2, नवायल में 2, वनजरिया में 1, मोहम्मदपुर में 2, भटिया फार्म में 1 और फरीदपुर में 1 इंसान कुत्ते का शिकार बने।
चुनाव का समय ऐसे में बहेड़ी विधानसभा के लोग इस समस्या पर अपने प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर नजरिया जानना चाहते हैं। लोधीपुर के रहने वाले सियाराम राठौर बताते है कि इस क्षेत्र में कुत्तों का आतंक है अबतक एक दर्जन से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है। प्रशासन ने प्रयास किये लेकिन उससे नतीजा कुछ नहीं निकल सका । वहीं बहेड़ी क्षेत्र के मित्तरपुर के रहने वाले सरफ़राज़ का कहना है कि हमारे विधायक इस समस्या के बारे में जानते हैं लेकिन कभी गंभीरता से कदम नहीं उठाये गए।
इसी का नतीजा है पिछले पांच सालों में कई बच्चों की जान गई । बहेड़ी के वर्तमान विधायक अताउर रहमान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुत्तों को वह डीएफओ से पकड़वा चुके है । इस बार विधायक बनने के बाद इस समस्या को जड़ से ख़त्म किया जायेगा ।
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