यूपी के चार किसानों के खाते में आए 88 लाख रुपए, गांव में हड़कंप
यूपी के मुजफ्फरनगर में चार किसानों के खातों में किसी ने इतनी रकम जमा कर दी कि किसानों ने सपने में भी कभी इस रकम को नहीं देखा होगा।
मुजफ्फरनगर। नोटबंदी के फैसले के बाद जहां लोग परेशान हैं कि उन्हें बैंक और एटीएम से रुपए नहीं मिल रहे, वहीं यूपी के मुजफ्फरनगर में चार किसान इसलिए परेशान हैं क्योंकि उनके खाते में किसी अंजान आदमी ने लाखों रुपए की रकम डाल दी है।
मामला मुजफ्फरनगर में चरथावल के गांव बुड्ढ़ाखेड़ा का है। यह गांव सहारनपुर की सीमा से सटा हुआ है। गांव में रहने वाले किसान जनक सिंह मंगलवार को ग्राहक सेवा केंद्र से अपने खाते से 100 रुपए निकालने गए।
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100 रुपए निकालने के बाद जब उन्हें कर्मचारी ने बैलेंस की स्लिप दी तो वे चौंक गए, क्योंकि उनके खाते में उस बैलेंस स्लिप के मुताबिक 86 लाख, 97 हजार, 545 रुपए जमा थे। उनके खाते में इससे पहले मात्र 500 रुपए जमा थे।
जनक सिंह ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में अपना खाता उस समय खुलवाया था, जब जून 2015 में प्रदेश सरकार की तरफ से सूखा राहत के चैक प्रदान किए गए थे।
दो भाइयों के खातों में आए लाखों रुपए
बैलेंस देखने के बाद जनक सिंह ने जब अपने परिवार में यह बात बताई तो उनके भाई शो सिंह ने भी ग्राहक सेवा केंद्र जाकर रुपए निकाले और अपना बैलेंस चैक किया तो उनके पैरों तले भी जमीन खिसक गई।
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उनके खाते में 88 लाख 91 हजार 833 रुपए का बैलेंस था। इसके बाद गांव के ही संजय और मोनी ने भी अपने बैंक खातों से कुछ रुपए निकाले तो उनके खाते में करीब 86 लाख और 88 लाख रुपए का बैलेंस मिला।
खाते का बैलेंस पता करने दौड़ा पूरा गांव
धीरे-धीरे यह खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। गांव के लोग बड़ी संख्या में अपना बैलेंस जानने के लिए ग्राहक सेवा केंद्र पहुंचे तो केंद्र संचालक ने उन्हें उनके बैलेंस की जानकारी देने से मना कर दिया।
इसके बाद ये चारों किसान नजदीकी पुलिस चौकी पहुंचे और मामले की जानकारी दी। चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मामले को सहारनपुर का बताकर किसानों को टरका दिया।
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यहां से किसान सीधे बैंक पहुंचे और अपनी परेशानी बताई तो बैंक के अधिकारियों ने उन्हें तसल्ली से घर बैठने की सलाह दी। अब किसान परेशान हैं कि वे जाएं तो कहां जाएं।
किसानों का कहना है कि किसी ने आयकर विभाग से बचने के लिए उनके खाते में यह रकम डाल दी है। इस खबर को सुनने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। किसान डरे हुए हैं कि कहीं बेवजह वे इस मामले में ना फंस जाएं।