पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान में रिश्वतखोरी, 25,000 लेते गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए प्रशासनिक तक जुटा हुआ है ताकि किसी तरह शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
बुलंदशहर/मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए प्रशासनिक तक जुटा हुआ है ताकि किसी तरह शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा किया जा सके लेकिन जिनके कंधो पर इस की जिम्मेदारी है वही लोग इस योजना के नाम पर रिश्वत मांग रहे हैं। इस बात का खुलासा एंटी करप्शन ब्यूरो मेरठ ने किया हैं। एंटी करप्शन की टीम ने एडीओ पंचायत को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ अरेस्ट किया है।
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बुलंदशहर में एडीओ रंगे हाथ पकड़ाया
मामला
बुलंदशहर
के
जिले
के
स्याना
ब्लाक
का
हैं।
स्याना
ब्लाक
के
हाजिपुर
गांव
में
60
शौचालय
बनने
थे।
गांव
में
शौचालय
बनवाने
के
लिए
ग्रामप्रधान
गीता
देवी
एडीओ
पंचायत
से
मिली।
गीता
देवी
ने
बताया
कि
एडीओ
पंचायत
कांति
प्रसाद
ने
गांव
में
60
शौचालय
बनाने
के
नाम
पर
(हर
एक
शौचालय)
1
हजार
रुपए
की
डिमांड
की
थी।
उन्होंने
ने
बताया
कि
एडीओ
पंचायत
चेक
पर
साइन
करने
के
नाम
पर
एक
हजार
रुपए
पर
चेक
मांग
रहा
हैं।
इस
बात
की
शिकायत
प्रधानपति
अजब
सिंह
ने
एंटी
करप्शन
ब्यूरो
मेरठ
से
की।
शिकायत
मिलने
के
बाद
एंटी-करप्शन
की
टीम
ने
अधिकारी
को
रंगे
हाथ
गिरफ्तार
करने
के
लिए
जाल
बिछाया।
एंटी-करप्शन
टीम
ने
प्रधान
पति
के
हाथ
में
पाउडर
लगे
12
नोट
दो
हजार
के
और
2
नोट
500
रुपए
के
दिए।
प्रधान
पति
अजबसिंह
एडीओ
पंचायत
के
कार्यालय
पर
गया
और
पाउडर
लगे
25
हजार
रुपए
की
रकम
दे
दी।
मेरठ
से
आई
एंटी
करप्शन
ब्यूरो
की
टीम
ने
25
हजार
की
रिश्वत
लेते
हुए
एडीओ
पंचायत
को
रंगे
हाथ
पकड़
लिया
और
मेरठ
ले
गई।
स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर घूस
वहीं,
दूसरी
तरफ
एडीओ
पंचायत
कांति
प्रसाद
का
कहना
हैं
कि
हाजीपुर
गांव
में
60
शौचालयो
का
निर्माण
होने
था,
इस
के
लिए
आज
प्रधान
पति
मेरे
पास
आये
और
मुझे
जबरदस्ती
रिश्वत
देने
का
प्रयास
करने
लगे।
मैंने
इनसे
कोई
रिश्वत
की
डिमांड
नहीं
की
थी।
एंटी-करप्शन
के
सीओ
अरविंद
यादव
ने
बताया
कि
शिकायत
मिली
थी
कि
एडीओ
पंचायत
कांति
प्रसाद
राष्ट्रीय
स्वच्छता
मिशान
के
तहत
बनने
वाले
शौचालयो
के
लिए
एक
हजार
रुपए
पर
शौचालय
की
डिमांड
कर
रहे
हैं।
इसके
तहत
टीम
ने
एडीओ
पंचायत
को
रंगेहाथ
रिश्वत
लेते
हुए
अरेस्ट
कर
लिया
गया
हैं।
इनके
खिलाफ
भ्रष्टाचार
अधिनियम
के
तहत
मुकदमा
लिखा
गया
हैं।
अब
इनको
जेल
भेजा
जा
रहा
हैं।
एडीओ
पंचायत
और
प्रधान
के
होते
है
चेक
पर
साइन
स्वच्छत
भारत
मिशान
के
तहत
गांव
में
बनने
वाले
शौचालयो
के
लिए
शासन
से
12
हजार
500
रुपए
आते
हैं।
इस
पैसे
को
उन
गरीब
लोगों
को
दिया
जाता
हैं
जिनके
पास
शौचालय
बनवाने
के
लिए
पैसा
नहीं
होता।
बता
दें
कि
यह
पैसा
गांव
के
प्रधान
और
एडीओ
पंचायत
के
ज्वांइट
खाते
में
आता
है।
इस
पैसों
को
एडीओ
पंचायत
और
प्रधान
के
हस्ताक्षर
के
बिना
कोई
नही
निकाल
सकता।
मिर्जापुर में लिपिक गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को दोपहर पिपराडाड़ स्थित उप निदेशक उद्यान कार्यालय के एक लिपिक को एक कर्मचारी से बकाया वेतन आहरण के लिए दस हजार रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एण्टी करप्शन टीम ने आरोपित कर्मचारी के पास से दस हजार रुपये भी बरामद कर लिया। उसके खिलाफ शहर कोतवाली में रपट दर्ज करा दी गयी। टीम ने गिरफ्तारी के बाद लिपिक को वाराणसी ले गए।
बकाए
एरियर
और
वेतन
के
भुगतान
के
लिए
मांगा
था
रुपया
इंद्रेश
चंद
पाण्डेय
उप
निदेशक
उद्यान
कार्यालय
में
कनिष्ठ
लिपिक
के
पद
पर
तैनात
है।
इन्हीं
के
कार्यालय
में
गुलाब
चंद
नामक
व्यक्ति
माली
के
पद
पर
तैनात
है।
उसका
एरियर
और
वेतन
बकाया
था।
आरोप
है
कि
बकाए
एरियर
और
वेतन
के
भुगतान
के
लिए
लिपिक
इंद्रेश
चंद
पाण्डेय
ने
गुलाब
चंद
माली
से
दस
हजार
रुपये
मांगा
था।
गुलाब
चंद
घूस
का
रुपए
देने
से
पूर्व
एण्टी
करप्सन
वाराणसी
को
इसकी
सूचना
दे
दी।
एण्टी
करप्शन
टीम
के
प्रभारी
निरीक्षक
पीएस
दुबे
उप
निरीक्षक
राम
सागर
जोशी,
ओम
प्रकाश
यादव,सिपाही
अश्वनी
कुमार
पाण्डेय,
पुनीत
कुमार
सिंह,
राजकुमार
पाल,
नरेंद्र
कुमार
सिंह
व
सुनील
कुमार
सिंह
को
साथ
लेकर
प्रभारी
डीएम
प्रियंका
निरंजन
से
मुलाकात
कर
मामले
से
अवगत
करा
दिया।
प्रभारी डीएम ने अधिकारियों संग भेजी टीम
प्रभारी डीएम ने एण्टी करप्शन टीम के साथ उन्होने डीएसटीओ संतोष कुमार व नेडा के पीओ संजय कुमार को साथ लगा दिए। एण्टी करप्शन टीम दोपहर बाद गुलाबचंद को साथ लेकर उप निदेशक उद्यान कार्यालय पहुंच गए। गुलाबचंद ने जैसे ही लिपिक इंद्रेश चंद पाण्डेय को दस हजार रुपये दिया टीम के सदस्य मौके पर पहुंच कर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिए। उनके पास से दस हजार रुपये बरामद हुआ। इनमें दो हजार रुपये का एक नोट, पांच सौ के 14 नोट और सौ रुपये के दस नोट बरादम हुए। टीम ने रुपये बरामद करने के बाद इंद्रेश चंद पाण्डेय का हाथ पानी से धुलवाया तो नोट में लगे केमिकल से हाथ रंग गया। टीम के सदस्य इंद्रेश चंद पाण्डेय को गिरफ्तार कर शहर कोतवाली उठा लायी। यहां आरोपित के खिलाफ घूस लेने के आरोप में रपट दर्ज करा दिए।
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