वाराणसी: डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे केशव को गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं से पुलिस ने बचाया
वाराणसी बीजेपी दफ्तर पर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं, कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के बाहर प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट के बंटवारे में पैसा लेने का आरोप लगाया।
वाराणसी। वाराणसी। वाराणसी बीजेपी दफ्तर पर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट के बंटवारे में पैसा लेने का आरोप कार्यकर्ताओं ने लगाया। वहीं, शहर के दक्षिणी से लेकर कैंट विधानसभा में परिवादवाद और पैसे का आरोप लगता रहा। विरोध का आलम ये था कि गाड़ी से उतरने के बाद से लेकर बीजेपी कार्यालय के पत्रकार वार्ता हाल तक सैकड़ों कार्यकर्ता लगातार विरोध दर्ज करा रहे थे। ये विरोध एक विधान सभा नहीं बल्कि वाराणसी की सभी विधानसभा के प्रत्याशियों के खिलाफ था। इस भारी विरोध के चलते कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को आना पड़ा। ये भी पढे़ं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक पोस्टर ने मचाया है बवाल
कार्यालय जाने से पहले विरोधी कार्यकर्ताओं के बीच में फंसे केशव
दरअसल, वाराणसी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और नेता ओम माथुर कार्यालय पहुंचे। लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर विरोध कर रहे गुस्साए लोगों ने केशव प्रसाद का भारी विरोध किया। विरोध इतना जबरदस्त था कि केशव प्रसाद कार्यकर्ताओं के बीच में ही फंस गये। वहीं, सुरक्षा बलों ने कड़ी मशक्कत कर उन्हें वहां से निकाल पार्टी कार्यालय तक पहुंचाया।
ये है विरोध का असल कारण
दरअसल, वाराणसी में दो विधानसभा सीटों कैंट और दक्षिणी सीट को लेकर विरोध है। कैंट से सौरभ श्रीवास्तव तो दक्षिणी से निलकंठ तिवारी को प्रत्याशी के तौर पर चुना गया है। बता दें कि निलकंठ तिवारी दादा श्याम देव राय चौधरी के स्थान पर आये हैं जो कि बीजेपी से मौजूदा विधायक हैं। बता दें कि श्याम देव चौधरी पिछले सात बार से यहां से विधायक हैं। जिसके चलते दादा श्याम देव सहित उनके कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया हुआ है और दादा के लिए टिकट वापसी की मांग को लेकर कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं।
केशव प्रसाद ने कार्यकर्ताओं की मांग को ठुकराया
वहीं, विरोध का आलम ये है कि भाजपा के समर्थकों ने पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय के बाहर टिकट के बंटवारे को लेकर अपना विरोध दर्ज किया। लेकिन, काफी जद्दोजहद के बाद केशव मौर्य डैमेज कंट्रोल में लगे हुए हैं। लेकिन केशव प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घोषित उम्मीदवारों के नाम किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिए जायेंगे।
क्या कहते हैं सिटिंग एमएलए?
वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्यामदेव राय चौधरी का कहना है कि उन्हें भले ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया गया पर एक बार मुझे बता जरूर देना चाहिए था। वैसे मैं विधायक होने से पहले पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी के आदेश का पालन करूंगा पर वोट देना और विधायक चुनना जनता के हाथ में हैं। ये भी पढ़ें: PM मोदी के शहर वाराणसी में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुआ घमासान