PM मोदी के शहर वाराणसी में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुआ घमासान
वाराणसी में टिकट न पाने वाले भाजपा नेता और उनके समर्थक पार्टी से खफा है। उनका भीतरघात पार्टी को चुनाव में नुकसान पहुंचा सकता है।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी टिकट के बटवारे को लेकर रार शुरू हो गयी है। यदि यही हालात रहे तो इस भीतरघात से बीजेपी को इस विधान सभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। परिस्थितियां ये हैं कि भाजपाई ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक प्रदर्शन शरू कर दिया है। वहीं एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाई जा रही हैं। टिकट ना मिलने से नाराज कई नेता तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं।
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कुछ ऐसा है मोदी की काशी में भाजपाइयों का विरोध
शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी दादा को टिकट ना मिलने के बाद बीजेपी के समर्थकों को ये उम्मीद थी कि कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का हाथ पकड़ने वाले चर्चित नेता दयाशंकर मिश्र (दयालु गुरु) को भाजपा वाराणसी के साऊथ के अपना उम्मीदवार बनाएगी पर बीजेपी ने इस सीट पर अधिवक्ता और भाजपा के कार्यकर्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। हलांकि बीते विधान सभा चुनाव में दयाशंकर मिश्रा ही सिटिंग एमएलए श्यामदेव के बाद दूसरे पायदान पर थे और यह की जनता ने इन्हें (44046 ) वोट दिए थे।
क्या कहते हैं सिटिंग एमएलए?
वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्यामदेव राय चौधरी का कहना है कि उन्हें भले ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया गया पर एक बार मुझे बता जरूर देना चाहिए था। वैसे मैं विधायक होने से पहले पार्टी का कार्यकर्ता हू और पार्टी के आदेश का पालन करूंगा पर वोट देना और विधायक चुनना जनता के हाथ में हैं।
शहर उत्तरी में भी हो रहा विरोध
इस सीट पर भी काम रस्साकसी नहीं है। पार्टी ने अपने सिटिंग एमएलए रविन्द्र जायसवाल को दोबारा मौका दिया है पर विरोध के सुर यह भी उठ रहे हैं। एक तरफ जहां भाजपा के नेता अशोक सिंह पार्टी से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा को ही टक्कर देने की तैयारी में जुट गए हैं वहीं पुराने कार्यकर्ता और प्रदेश के किसान मोर्चा के महामंत्री अपने ही उम्मीदवार पर अपनी हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं।
पुतला जलाने के प्रयास से लेकर मोदी के आफिस तक प्रदर्शन
विरोध का आलम ये है कि भाजपा के समर्थकों ने पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय के बाहर टिकट के बंटवारे को लेकर अपना विरोध दर्ज किया तो वाराणसी के काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के बाहर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पुतला जलाने की कोशिश भी की। आचार संहिता के कारण पुलिस की मौजूदगी से समर्थक कामयाब नहीं हो पाए पर विरोध तो हो ही रहा है।