भाजपा के 'पन्ना प्रमुख' ध्वस्त करेंगे बुआ-बबुआ का समीकरण, जानिए क्या है त्रिपुरा प्लान
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में करारी शिकस्त के बाद भाजपा आम चुनाव में अपने नए प्लान पर काम कर रही है। यह प्लान त्रिपुरा में जीत का एक्स फैक्टर निभाने वाले पन्ना प्रमुख से जुड़ा है। आगामी लोकसभा चुनाव में बुआ-बबुआ के समीकरण को यूपी में ध्वस्त करने के लिए पन्ना प्रमुख नियुक्त किए जा रहे हैं। भाजपा के मिशन 2019 को फतह करने के लिए त्रिपुरा की तर्ज पर ही यूपी में 'पन्ना प्रमुख' बनाये जाने लगे हैं। पन्ना प्रमुख कौन है और इनकी क्या अहमियत होती है यह इन्होंने त्रिपुरा चुनाव में साबित कर दिया है। यूपी में वहीं कारनामा दोहराने की जिम्मेदारी पन्ना प्रमुखों को दी जा रही है।
कौन
है
पन्ना
प्रमुख
पन्ना
प्रमुख
का
मतलब
पेज
इंचार्ज
होता
है।
दरअसल
प्रत्येक
पोलिंग
बूथ
में
वोटर
लिस्ट
होती
है।
इस
वोटर
लिस्ट
में
सामान्य
तौर
पर
देखा
जाए
तो
17-18
पेज
होते
हैं
और
जाहिर
सी
बात
है
इन
पेजो
में
वोटरों
का
नाम
होते
है।
पन्ना
प्रमुख
का
काम
इन
पन्नों
में
दर्ज
वोटरों
में
से
60
वोटरों
पर
ध्यान
देना
होता
है।
यानी
पन्ना
प्रमुख
हर
बूथ
पर
60
वोटरों
से
सीधे
संपर्क
में
रहते
हैं
और
उन्हें
भाजपा
के
लिए
वोट
दिलवाने
में
अहम
भूमिका
निभाते
हैं।
त्रिपुरा
में
कारगर
साबित
हुए
थे
'पन्ना
प्रमुख'
त्रिपुरा
चुनाव
में
इन्हीं
पन्ना
प्रमुखों
ने
है
वामपंथी
दीवार
ढहा
दी
थी।
अब
यूपी
में
माया
अखिलेश
के
गठबंधन
को
ध्वस्त
करने
के
लिए
इन्हीं
पन्ना
प्रमुखों
को
जिम्मेदारी
सौंपी
जा
रही
है।
यानी
साइकिल-हाथी
को
टक्कर
देने
का
जमीनी
दायित्व
बीजेपी
पन्ना
प्रमुखों
पर
होगा।
आपको
याद
होगा
कि
हाल
ही
में
संपन्न
हुए
त्रिपुरा
चुनाव
में
बीजेपी
ने
मतदाता
सूची
के
अनुसार
60
मतदाताओं
पर
एक
कार्यकर्ता
नियुक्त
किया
था,
जिन्हे
ऑन
दि
रिकार्ड
पन्ना
प्रमुख
के
नाम
से
जाना
जाता
है।