जानिए राजनीति में इस खानदान की कहानी, दादा से लेकर पोता तक बना विधायक
कैंट विधानसभा की राजनीति से ताल्लुक रखने वाला साबिर परिवार की तीन पीढ़ियों ने विधायकी के रूप में जनता के दिल पर राज किया है।
बरेली। बरेली जिला उत्तर प्रदेश की राजनीति में विशेष स्थान रखता है। बरेली में 9 विधानसभा सीट हैं जो पूरे देश में किसी ना किसी विशेषता के लिए जानी जाती हैं। गौरतलब है कि कैंट विधानसभा जहां से एक परिवार की तीन पीढ़ियां ना केवल विधायक बने बल्कि प्रदेश की राजनीति में अपना एक नया मुकाम भी हासिल किया। दरअसल, कैंट सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट हुआ करती थी। लेकिन अब ये सीट भाजपा की पहचान बन गई है। इस सीट पर भाजपा के विधायक राजेश अग्रवाल का कब्ज़ा है। ये भी पढ़ें:यूपी चुनाव: सर्वे में खुलासा, कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद भी आगे रहेगी बीजेपी
कैंट विधानसभा की राजनीति से ताल्लुक रखने वाला साबिर परिवार की तीन पीढ़ियों ने विधायकी के रूप में जनता के दिल पर राज किया है। सबसे पहले साबिर परिवार के मुखिया अशफाक अहमद विधायक बने उसके बाद उनके बेटे इस्लाम साबिर विधायक बने अब इस्लाम साबिर के बेटे शहजिल इस्लाम वर्तमान में भोजीपुरा सीट से विधायक है।
साबिर
परिवार
की
राजनीतिक
विरासत
पर
एक
नज़र
कैंट
विधानसभा
सीट
पर
साबिर
परिवार
के
मुखिया
अशफाक
अहमद
ने
कांग्रेस
उम्मीदवार
बनकर
1969,
1977,
1980
और
1996
में
लगातार
चार
बार
विधायक
बनने
का
गौरव
हासिल
किया
था।
इसके
बाद
अशफाक
के
बेटे
इस्लाम
साबिर
ने
वर्ष
1991
में
कांग्रेस
के
टिकट
पर
चुनाव
लड़ा
और
विधायक
बने।
साबिर
ने
इसी
सीट
पर
अपने
बेटे
शहजिल
इस्लाम
को
वर्ष
2002
में
निर्दलीय
उम्मीदवार
के
रूप
में
चुनाव
लड़वाया
और
वे
भी
विधायक
बने।
वर्ष
2007
में
इसी
सीट
पर
बसपा
के
टिकट
पर
शहजिल
एक
बार
फिर
विधायक
बने।
वर्ष
2012
में
शहजिल
ने
बीएसपी
छोड़कर
आईएमसी
का
हाथ
थाम
लिया
और
भोजीपुरा
सीट
से
विधायक
बने
बाद
में
सपा
में
शामिल
हो
गए।
शहजिल
की
पत्नी
ने
विरासत
को
आगे
बढ़ाने
के
लिए
सांसद
चुनाव
लड़ी
लेकिन
वे
भाजपा
उम्मीदवार
से
हार
गई।
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में
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