UPPCL: 2600 करोड़ के EPFO घोटाले में अखिलेश के करीबी रहे 'अरबपति मिश्रा' गिरफ्तार
दिल्ली। उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल के कर्मचारियों की भविष्य निधि के 2600 करोड़ रुपए को विवादास्पद घोटालेबाज कंपनी दीवान हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश किए जाने के मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अयोध्या प्रसाद मिश्रा गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) घोटाले की छानबीन कर रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार हुए एपी मिश्रा सपा शासनकाल में काफी ताकतवर अफसर रहे। सहकर्मी इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों के बीच वो अरबपति मिश्रा के नाम से मशहूर रहे हैं।
योगी सरकार बनते ही हटाए गए थे एपी मिश्रा
आर्थिक अपराध शाखा के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, एपी मिश्रा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी थे और अरबपति मिश्रा के नाम से चर्चित इस अधिकारी को योगी सरकार के सत्ता में आते ही पावर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग कॉरपोरेशन पद से 24 मार्च 2017 को बर्खास्त किया गया था। प्रवक्ता के मुताबिक, नौकरी जाने के बाद मिश्रा अपने साथ कई महत्वपूर्ण फाइल ले गए थे।
रिटायरमेंट के बाद भी मिला था सेवा विस्तार
यूपीपीसीएल का एमडी आईएएस को ही बनाया जाता है लेकिन एपी मिश्रा ऐसे पहले इंजीनियर थे जिनको प्रमोट करके सपा सरकार में सीधे मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया था। रिटायरमेंट के बाद भी अखिलेश सरकार में उनको सेवा विस्तार दिया गया था। प्रवक्ता के मुताबिक, एपी मिश्रा समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे और सपा शासनकाल में कई घोटालों में शामिल रहे थे।
हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज
इस मामले में रविवार को हजरतगंज पुलिस स्टेशन में यूपीपीसीएल ईपीएफओ के पूर्व सेक्रेटरी प्रवीण कुमार गुप्ता और फाइनांस डायरेक्टर सुधांशु द्विवेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसी दिन दोनों पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की और तब तक आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को इसकी जांच करने का आदेश दिया है।
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