रावण की रिहाई के लिए 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने शुरू की पहल
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने के आरोपी और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर लगाई गई रासुका हटाने और जेल से रिहाई कराने के लिए अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाया जा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा रावण की रिहाई के लिए मुहिम चलाई जा रही है। इसके लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया गया है, जिस पर रावण की रिहाई के लिए मिस्ड कॉल देनी है।
जानिए एमनेस्टी इंटरनेशनल के बारे में
सबसे पहले बात करते हैं एमनेस्टी इंटरनेशनल की। ये अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था है जो अपना उद्देश्य "मानवीय मूल्यों, एवं मानवीय स्वतंत्रता, को बचाने एवं भेदभाव मिटाने के लिए शोध एवं प्रतिरोध करने एवं हर तरह के मानवाधिकारों के लिए लडने का काम करती है। इसका गठन जुलाई 1961 में हुआ था और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका मुख्यालय लंदन में है। सात मिलीयन से ज्यादा लोग इसके सदस्य है। वर्ष 1977 में एमनेस्टी इंटरनेशनल को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका हैं, जबकि 1978 में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार मिला। 1966 एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत के बिहार में काम करना शुरू किया था।
रावण की रिहाई की मांग उठाई
भीम आर्मी की तरफ से सोशल मीडिया पर हाल ही में एक पोस्ट डाला गया था। जिसमें दावा किया गया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की बैंगलुरू से टीम आई थी और एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस वीडियो में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण की रिहाई की मांग उठाते हुए दिखाया गया है। दिखाया गया कि यह संगठन दलित बच्चों के लिए 300 पाठशालाओं का संचालन करता है। चंद्रशेखर को जून 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और नवंबर 2017 में उसे जमानत मिल चुकी है, लेकिन रासुका के तहत चंद्रशेखर को जेल में रखा गया है।
मिस कॉल से जुड़ेंगे लोग
एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा बनाये गए वीडियो में चंद्रशेखर की मां कमलेश को भी दिखाया गया है। जिसमें वह रावण की रिहाई की मांग कर रही है। वीडियो के अंत में कहा गया कि क्या आप चंद्रशेखर की मां का साथ देंगे। इसके साथ ही एक मोबाइल नंबर 08030456566 भी जारी किया गया है। इस नंबर पर रावण की रिहाई के लिए मिस कॉल देने की बात कही गई है।
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