मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश- मस्जिद से भी हटाओ
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इलाहाबाद। मंदिर में लगे लाउडस्पीकर को हटाने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने मंदिर के साथ-साथ मस्जिद से भी लाउडस्पीकर हटाने को कहा है। मामला यूपी के बिजनौर का है, यहां शाह अलीपुर अब्दुल सत्तार मदनपुर गांव में संत रविदास मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने के लिए एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया की मंदिर के अलावा आबिद मस्जिद सदर पर भी लाउडस्पीकर लगे हैं और दोनों से ही ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। मामले में कोर्ट ने मंदिर और मस्जिद दोनों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश देते हुए कहा कि इन पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाए।
क्या था मामला
यूपी के बिजनौर में मदनपुर गांव में संत रविदास मंदिर है। यहां सुबह 6: 24 पर आरती शुरू होती है। लाउडस्पीकर लगा होने के कारण पूरे इलाके में आरती की ध्वनि गूंजती है। इसे लेकर शौकत अली ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर मंदिर से लाउडस्पीकर उतरवाने की मांग की। कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने मंदिर से लाउडस्पीकर उतरवाने का आदेश दिया, लेकिन बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया कि यहीं पर आबिद मस्जिद सदर भी है, जहां 5:45 मिनट पर अजान शुरू होती है और लाउडस्पीकर के कारण पूरे इलाके में अजान की ध्वनि गूंजती है। हाईकोर्ट ने इस दलील पर आदेश दिया की मस्जिद का भी लाउडस्पीकर उतरवाया जाए और नियमानुसार कार्रवाई करने के बाद कोर्ट को सूचना दी जाए।
चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने दिया फैसला
मंदिर और मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग के मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट के समक्ष बताया गया कि लाउडस्पीकर लगाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होती है, लेकिन वह नहीं ली गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने धारा 133 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्यवाही शुरू की है और मंदिर के साथ साथ आबिद मस्जिद को भी नोटिस जारी कर दी गई है है।
अधिक आवाज में नहीं बजाया जा सकता स्पीकर
कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया है कि नियमानुसार निर्धारित सीमा से अधिक ऊंची आवाज में स्पीकर नहीं बजाया जा सकता है। फिलहाल अब इस आदेश को अन्य स्थानों पर भी लागू करने के लिए प्रशासन कदम उठा सकती है। हालांकि मामला अभी सिर्फ बिजनौर के संबंधित याचिका पर दिया गया है, लेकिन इस आदेश को आधार बनाकर अब आगे भी कार्रवाई व याचिका दाखिल होना तय है।
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