इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद गिराने का दिया आदेश, सुन्नी वक्फ बोर्ड को तीन महीने का समय
मामले में उच्च न्यायालय ने 20 सितंबर को ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा की मस्जिद अवैध रूप से हाईकोर्ट की जमीन पर बनाई गई है।
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट की जमीन पर बनी मस्जिद गिराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि तीन महीने के अंदर मस्जिद हट जानी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता तो रजिस्ट्रार जनरल पुलिस बल लगा कर जमीन को कब्जे में लें। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर मस्जिद बनाई गई है। जिसे हटाने के लिए पिछले साल एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस कोर्ट ने पहले ही सख्त रुख अख्तियार कर लिया था और जिला प्रशासन को फटकार भी लगाई थी। मामले में उच्च न्यायालय ने 20 सितंबर को ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा की मस्जिद अवैध रूप से हाईकोर्ट की जमीन पर बनाई गई है। तीन महीने के अंदर सुन्नी वक्फ बोर्ड और मस्जिद की प्रबंध समिति यहां से मस्जिद हटाए। मस्जिद का दूसरी जगह निर्माण किया जा सकता है। उसके लिए बोर्ड डीएम को अर्जी दे, जिस पर डीएम 8 सप्ताह में निर्णय लें।
चीफ जस्टिस की डबल बेंच में फैसला
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की डबल बेंच में हुई। जहां महीनों जिरह और इलाहाबाद जिला प्रशासन के साथ हाईकोर्ट प्रशासन और विशेषज्ञ टीम ने मस्जिद हटाने की रिपोर्ट दी थी। डबल बेंच ने हाईकोर्ट ने अपने फैसले के दौरान ये भी साफ किया कि भविष्य में हाईकोर्ट की जमीन पर पूजा या नमाज पढ़ने की अनुमति कतई नही दी जाएगी। हाईकोर्ट की जमीन पर हाईकोर्ट से संबंधित काम होंगे।
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