शौचालय के लिए दुल्हन ने छोड़ा पिया का घर, कहा 'जब तक शौचालय नहीं, तब तक ससुराल नहीं'
महोबा। केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का असर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के खन्ना गांव की एक नवविवाहिता ने घर में शौचालय न होने पर अपनी ससुराल छोड़ दी है। उसने कहा कि 'जब तक शौचालय नहीं, तब तक ससुराल नहीं।'
केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का असर ग्रामीण क्षेत्र में भी दिखना शुरू हो गया है। महोबा जिले के खन्ना गांव में एक मई को ब्याह कर आई सुनीता (20) ने घर में शौचालय न होने पर परिजनों के साथ अपने मायके लौट गई है और उसने अपने पति से कहा कि 'जब तक शौचालय नहीं, तब तक ससुराल नहीं।'
सुनीता का पति देवीदास प्रजापति ने मंगलवार को बताया कि 'उसकी पत्नी विदा होकर ससुराल आते ही बता दिया था कि वह अपने मायके में बाहर कभी शौच के लिए नहीं गई और यहां भी बाहर नहीं जाएगी। वह अपने परिजनों को बुलाकर मायके मध्य प्रदेश के लौंड़ी लौट गई है और शौचालय निर्माण न होने तक वापस न आने का निर्णय लिया है।' देवीदास ने बताया कि 'पत्नी को वापस बुलाने के लिए वह खुद शौचालय का गड्ढा खोद कर निर्माण कराएगा।'
इस गांव की ग्राम प्रधान सुमन सिंह ने बताया कि शौचालय विहीन पात्र लोगों को गड्ढा खोदने के बाद प्रथम किस्त के रूप में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। देवीदास ने अब तक गड्ढ़ा नहीं खोदा, इसलिए धनराशि अवमुक्त नहीं की गई।