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सियासत में जबरदस्त तरीके से एंट्री करने की तैयारी में है अंसारी बंधुओं की नई पीढ़ी

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लखनऊ, 18 फरवरी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और इस दौरान सियासत में भी काफी उठापटक हो रही है। गाजीपुर और आसपास के कई जिलों में उनकी पैठ है। चुनाव आते ही कई राजनीतिक दल उनको साधने में जुट जाते हैं। इस बार गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट और मऊ जिले की सदर सीट पर अंसारी बंधुओं की नई पीढ़ी जबरदस्त तरीके से एंट्री करने की तैयारी में हैं। हालांकि मोहम्मदाबाद सीट से पहले सपा ने सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट दिया था लेकिन बाद में उनका टिकट बदलकर उनके बेटे को सुहैब अंसारी को टिकट दे दिया गया। अब सुहैब अंसारी चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

बेटे और भतीजे के लिए चुनी दबदबे वाली सीटें

बेटे और भतीजे के लिए चुनी दबदबे वाली सीटें

पूर्वांचल की सियासत में हनक रखने वाले गाजीपुर के अंसारी बंधुओं की अगली पीढ़ी एंट्री ले रही है। नई पीढ़ी के लिए दबदबे वाले विधानसभा क्षेत्रों को चुना गया है। लिहाजा, यह बात देखने लायक होगी कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और उनके भाई सिबकतुल्लाह अंसारी के बेटे सुहैब परिवार की राजनीतिक विरासत को कितनी धार दे पाते हैं। इसी के साथ बाहुबली मुख्तार अंसारी गाजीपुर से विधान परिषद चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

पांच बार से विधायक हैं मुख्तार अंसारी

पांच बार से विधायक हैं मुख्तार अंसारी

गाजीपुर जिले के युसुफपुर निवासी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के पोते बाहुबली मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा से 1996 से अब तक लगातार पांच बार विधायक चुने गए। मुख्तार के बड़े बेटे और शूटिंग में नेशनल चैंपियन रहे अब्बास अंसारी ने 2017 में ही मऊ जिले की घोसी विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। अब इस बार के चुनाव में अब्बास अपने पिता की परंपरागत विधानसभा सीट मऊ सदर से सपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी हैं।

2 बार विधायक रहे सिबगतुल्लाह अंसारी

2 बार विधायक रहे सिबगतुल्लाह अंसारी

दरअसल पेशे से शिक्षक रहे सिबगतुल्लाह अंसारी बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से 2007 और 2012 में विधायक चुने गए। पिछले चुनाव में चली मोदी लहर में वह विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए थे। हाल ही में वह सपा में शामिल हुए थे। इएक बार फिर सपा से मोहम्मदाबाद विधानसभा से दावेदारी की थी। लेकिन, आखिरी समय में सपा ने सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे सुहैब उर्फ मन्नू अंसारी को समाजवादी पार्टी से मोहम्मदाबाद का प्रत्याशी घोषित करा दिया।

राजनीति में स्थापित करने की कोशिश

राजनीति में स्थापित करने की कोशिश

मुख्तार अपने बेटे को अपनी पारंपरिक सीट से लड़ा कर राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। वह खुद इस बार विधान परिषद का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। मुख्तार अंसारी की आपराधिक छवि को लेकर सपा पर भाजपा लगातार हमलावर थी। बताया जा रहा है कि मुख्तार की छवि को देखते हुए अखिलेश यादव पूर्वांचल में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे। वहीं दूसरी ओर सिबगतुल्लाह 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। वह अपने बेटे मन्नू के लिए एक अच्छे अवसर का इंतजार कर रहे थे। अंसारी परिवार में राजनीति के बाजीगर कहलाने वाले सिबगतुल्लाह को पूरा विश्वास है कि इस बार मतदाताओं की नाराजगी का फायदा उनके बेटे को मिलेगा। सपा और सुभासपा गठबंधन के अलावा वह अपने बलबूते भी बेटे को एक अच्छा मुकाम दिलाने में सफल रहेंगे।

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English summary
A new generation of Ansari brothers is preparing to enter politics in a tremendous way
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