वाराणसी जिला अस्पताल में ऑक्सीजन के बिना तड़पते रहे तीन मासूम
वाराणसी। जिला महिला अस्पताल के नियोनेटल केयर यूनिट में शनिवार की दोपहर भर्ती तीन नवजात दो घंटे तक ऑक्सीजन न मिलने पर तड़पते रहे। उस दौरान अस्पताल की बिजली भी गुल थी। सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम भी बंद हो गया था। इतना ही नहीं ऑक्सीजन सिलिंडर चलाने वाला टेक्निकल स्टाफ मौके से गायब रहा।
ऐसे में यूनिट के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने लगातार दो घंटे तक तीनों बच्चों को अंबू बैग से ऑक्सीजन देकर उनकी जान बचाई। इस बात की जानकारी जैसे ही महिला अस्पलात के प्रमुख अधीक्षिका को हुई उन्होंने मौके पर आकर तुरंत जानकारी ली और इन नवजात शिशुओं को दूसरे सिलेंडर से आक्सीजन देने का आदेश दिया। यही नहीं सीएमओ ने इस मामले में अब आदेश जारी कर रिपोर्ट तलब किया है।
इमरजेंसी सिलेंडर ने बचाया दुर्घटना होने से
दरअसल वाराणसी के महिला जिला अस्पताल में सभी वार्डो में सेन्ट्रल आक्सीजन सिस्टम लगा हुआ हैं और यही से मरोजों को आवश्यकता अनुसार आक्सीजन दी जाती है। कल अस्पताल में तीन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया। बच्चों को सांस लेने में समस्या हुई तो उन्हें एनएनसीयू में रखा गया।
डाक्टरों ने इन नवजात बच्चों को देखते ही आक्सीजन देने को कहा था लेकिन सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम में खराबी आने के बाद से पाइप लाइनों में आक्सीजन सप्लाई नहीं हो पाई। थोड़ी देर बाद ऑक्सीजन की कमी से बच्चे तड़पने लगे। इस बात की जानकारी जैसे ही प्रमुख अधीक्षिका शैला त्रिपाठी को हुई की आक्सीजन सिस्टम से सप्लाई नहीं हो पा रही है तो उन्होंने फौरन एमरजेंसी में रखे हुए छोटे आक्सीजन सिलेंडर से आक्सीजन देने का आदेश दिया।
सीएमओ ने मांगा है जवाब
इस बात की जानकारी के बाद शिवप्रसाद गुप्ता मंडलीय चिकित्सालय के सीएमओ वीबी सिंह ने सेन्ट्रल आक्सीजन सिस्टम में नॉब के फसने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले में प्रमुख अधीक्षिका शैला त्रिपाठी से रिपोर्ट मांगा है। उन्होंने बताया की अस्पताल में आक्सीजन सिस्टम के तकनीकि खराबी आना ये मामूली बात नहीं है। ऐसे में नवजात शिशु को डाक्टरों को कहने के बाद भी यही सिस्टम में तकनीकी खराबी आयी तो उसे आपरेट करने वाले की जिम्मेदारी होती है। इसी कारणों से मैंने रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया हैं।