उज्जैन न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

Kaal Bhairav jayanti 2022 : Ujjain में काल भैरव करते हैं मदिरा का सेवन, चमत्कार देख हर कोई हैरान

Google Oneindia News

देशभर में काल भैरव जयंती के अवसर पर लोग भगवान काल भैरव के मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन करते नजर आ रहे हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान काल भैरव का बेहद ही प्राचीन मंदिर स्थापित है, जहां उज्जैन शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह प्राचीन और रहस्यमई मंदिर अपने चमत्कार के लिए देशभर में अलग पहचान रखता है। ऐसी मान्यता है कि, यहां भगवान कालभैरव हर रोज हजारों बोतल शराब का सेवन करते हैं। इतना ही नहीं चमत्कार के बारे में कई बार वैज्ञानिक और पुरातत्व विभाग शोध भी कर चुका है, लेकिन अब तक किसी तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है।

कुछ ऐसा है मंदिर का इतिहास

कुछ ऐसा है मंदिर का इतिहास

धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित भगवान काल भैरव के मंदिर के इतिहास पर यदि एक नजर डालेंगे तो यह मंदिर काफी प्राचीन है। पुजारी बताते हैं कि, भगवान काल भैरव नगर रक्षा के लिए महाकाल वन में विराजमान है। साथ ही भगवान काल भैरव को भगवान महाकाल के सेनापति के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि, सम्राट अशोक और राजा विक्रमादित्य के शासनकाल का यह मंदिर अपनी अलग-अलग कहानियों के लिए काफी प्रचलित है। राजा विक्रमादित्य के समय से ही यहां पर काल भैरव की सवारी निकलने भी शुरू हुई जो अब तक जारी है।

काल भैरव को लगता है मदिरा का भोग

काल भैरव को लगता है मदिरा का भोग

मंदिर के पुजारियों की माने तो भगवान काल भैरव की दो समय आरती होती है जहां सुबह 7 बजे भगवान की आरती होती है तो वहीं शाम 6 बजे भगवान की आरती की जाती है। मान्यता है कि, हर रोज भगवान को दिन भर श्रद्धालु अपनी-अपनी श्रद्धा अनुसार मदिरा का भोग लगाते हैं, जहां भगवान काल भैरव श्रद्धालुओं की ओर से लगाई गई मदिरा का भोग स्वीकार करते हुए उसे ग्रहण कर लेते हैं। बताया जाता है कि, दिन भर में लगभग दो हजार से ज्यादा बोतल मदिरा का भोग भगवान को लगा दिया जाता है।

मंदिर में लगातार होते रहे हैं शोध

मंदिर में लगातार होते रहे हैं शोध

पुजारियों की माने तो मंदिर में तांत्रिक पूजा का विधान रहा है। यही कारण है कि, मंदिर में भगवान को मदिरा का भोग लगाया जाता है। बताते हैं कि भक्त जैसे ही भगवान को मदिरा का भोग लगाते हैं, वैसे ही मदिरा अदृश्य हो जाती है। भोग लगाने के बाद मदिरा कहां जाती है, इसका अब तक कोई पता नहीं लगा पाया है। यहां समय-समय पर शोध भी किए गए और वैज्ञानिकों की ओर से लगातार रिसर्च भी की गई, लेकिन अब तक किसी तरह की कोई ठोस वजह सामने नहीं आ पाई है। साथ ही अब तक यह रहस्य बना हुआ है कि, भगवान कालभैरव को लगने वाला मदिरा का भोग आखिर कहां जाता है।

ये भी पढ़े- Ujjain : 5 महीने से लापता बेटे के लिए करने आए थे मन्नत, Mahakal दर्शन करते ही हो गई इच्छा पूरीये भी पढ़े- Ujjain : 5 महीने से लापता बेटे के लिए करने आए थे मन्नत, Mahakal दर्शन करते ही हो गई इच्छा पूरी

English summary
Kaal Bhairav jayanti 2022, Ujjain, Madhya Pradesh news
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X