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Amarnath Yatra : टैंट वाले मंजूर बोले-मुझे भी छूकर निकली मौत, बादल फटने के 30 मिनट में सब कुछ तबाह

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने का आंखों देखा हाल

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श्रीनगर, 9 जुलाई। अमरनाथ यात्रा 2022 के दौरान बाबा बर्फानी की गुफा के पास 8 जुलाई की शाम को बादल फटने की घटना का मंजर खौफनाक था। अमरनाथ गुफा के नजदीक टैंट लगाने वाले मंजूर अहमद ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में तबाही का वो मंजर बयां किया जिसमें 'मौत' उनको भी छूकर निकल गई थी। यह शाम मंजूर कभी जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे।

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद मची तबाही का आंखों देखा हाल जम्मू कश्मीर के रहने वाले मंजूर अहमद की जुबानी।

17 साल में पहली बार देखा ऐसा मंजर

17 साल में पहली बार देखा ऐसा मंजर

'मैं यहां पर साल 2005 से अमरनाथ यात्रा के दौरान टैंट लगाता आ रहा हूं। 2022 जैसा दिल दहला देने वाला मंजर कभी नहीं देखा। इस बार मैंने अमरनाथ गुफा के पास चार टैंट लगा रहे थे। सभी में यात्री ठहरे हुए थे। 8 जुलाई की शाम को वादियों में हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। 5 बजे तक सब कुछ सामान्य था।

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 साढ़े पांच बजे लगा कोई बम फटा हो

साढ़े पांच बजे लगा कोई बम फटा हो

साढ़े 5 बजे अचानक तेज आवाई आई। जैसा कोई बम फटा था। फिर अमरनाथ गुफा के पास देखते ही देखते चार बड़े नालों से भंयकर पानी आया। लोगों में अफरा-तफरी मच गई। किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। पानी अपने रास्ते में आए टैंक व लंगर को बहा ले गया। लोग पानी में पेड़ के पत्तों की तरह बह गए।

मंजूर अहमद के भी तीन टैंट बहे

मंजूर अहमद कहते हैं कि मेरे भी तीन टैंट बह गए। मैं चौथे टैंट में था। मुझे बस इतना मौका मिला कि टैंट से निकलकर 100 मीटर दूर भाग पाया। मौत बस मानों छूकर ही निकली हो। पानी का तेज बहाव करीब 30 मिनट तक रहा। इतनी सी देर में सब कुछ तबाह हो गया। पानी में करीब डेढ़ सौ टैंट और तीन लंगर बहे हैं। प्रत्येक टैंट में तीन-चार लोग थे। वहीं, प्रत्येक लंगर में 50-60 यात्री रुके हुए थे।

फारूख सोनमर्ग ने भी बयां किया मंजर

फारूख सोनमर्ग ने भी बयां किया मंजर

जम्मू कश्मीर के ही फारूख सोनमर्ग भी अमरनाथ यात्रा के दौरान टैंट बांधने का काम करते हैं। वे बादल फटा तब बेस कैंप में थे, जो घटनास्थल से करीब 14 किलोमीटर दूर है। फारूख बताते हैं कि बादल फटने के बाद पानी का जलजला सा आया। पानी के साथ पत्थर भी थे। लोग मलबे में दबते जा रहे थे। बचाने की गुहार लगा रहे थे, मगर उन्हें कोई चाहकर भी नहीं बचा पा रहा था। भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला तब लोगों को बचाया जा सका।

अमरनाथ हादसे में अब तक 16 की मौत

अमरनाथ हादसे में अब तक 16 की मौत

बता दें कि 8 जुलाई 2022 की शाम को अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना से अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 45 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल रखा है। सेना के जवानों और एनडीआरएफ टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है। अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।

राजस्थान को मिले जख्म

राजस्थान को मिले जख्म

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से राजस्थान को भी गहरे जख्म मिले हैं। राजस्थान पुलिस के रिटायर्ड सीआई सुनील खत्री और उनकी समधन सुनीता वधवा की मौत हो गई। वहीं सुनीता के पति लापता बताए जा रहे हैं। इनके अलावा राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग अमरनाथ यात्रा पर गए थे। इनमें से कइयों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा।

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Amarnath Cloudburst : बादल फटने के बाद लोगों को बचाते-बचाते राजस्थान पुलिस के रिटायर्ड CI भी बहेAmarnath Cloudburst : बादल फटने के बाद लोगों को बचाते-बचाते राजस्थान पुलिस के रिटायर्ड CI भी बहे

English summary
Manzoor Ahmed who Eye witness of cloudburst Near Amarnath cave
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