ODI की इन चुनौतियों से नहीं निपटे तो मिशन वर्ल्ड कप रह जाएगा अधूरा, रोहित को 'हिटमैन' बनना होगा
वनडे वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के लिए कुछ चुनौतियां हैं जिनसे पार जाकर ही रोहित शर्मा एंड कंपनी विश्व कप प्रतियोगिता में अपना सूखा खत्म करने की सोच सकती है।
इस साल भारत की धरती पर वनडे वर्ल्ड कप अक्टूबर और नवंबर के महीने में खेला जाना है। यह भारतीय खिलाड़ियों के लिए पिछले 2 साल में T20 वर्ल्ड कप की आभा से निकलने का एक मौका होगा और क्रिकेट फैंस के लिए भी 4 साल में एक बार आने वाले वनडे वर्ल्ड कप को देखना ताजगी भरा अनुभव रहेगा। भारत ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ T20 फॉर्मेट में तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीती है और अब सीनियर खिलाड़ियों की वापसी के साथ तीन मैचों की ही वनडे सीरीज शुरू होने जा रही है जिसका पहला मुकाबला गुवाहाटी में होगा।
टी20 नहीं अब है वनडे की चुनौतियां सुलझाने का समय
इस सीरीज के साथ ही मिशन 2023 का काउंटडाउन भी शुरू हो जाएगा और भारतीय टीम के पास अपनी खामियों पर काम करने का अवसर भी आ चुका है। सभी जानते हैं भारत ने पिछला वर्ल्ड कप 2011 में जीता था और 2013 के बाद से कोई आईसीसी ट्रॉफी भी नहीं आई है ऐसे में टीम इंडिया के पास इस साल यह सूखा खत्म करने का सुनहरा अवसर है। वैसे तो भारत वर्ल्ड कप से पहले जून में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनलिस्ट बनने की रेस में भी आगे चल रहे हैं लेकिन असली चुनौती विश्वकप जीतना ही है।
रोहित शर्मा को 'हिटमैन' बनना होगा-
भारतीय टीम के साथ इस वर्ल्ड कप में भी कुछ चैलेंज है जिनसे उभर कर ही वे खिताब को कब्जाने वाले दावेदार के तौर पर अपनी जमीन पर बाकी टीमों का मुकाबला करने उतरेंगे। निश्चित तौर पर रोहित शर्मा की फॉर्म पहले जैसी तो नहीं रही है जिसका कारण उनकी तेजी से बढ़ती उम्र और फिटनेस में आती गिरावट भी है और दूसरा कारण यह है कि वह लगातार क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं। वे कई बार ब्रेक लेते हैं तो कभी उनको चोट लगती है। फिलहाल वे अंगूठे की चोट के चलते क्रिकेट से दूर चल रहे थे जहां उन्होंने टेस्ट मैचों के अलावा T20 सीरीज भी मिस की लेकिन अब वापसी करने के लिए तैयार है। भारत के लिए चिंता की बात यही है कि रोहित ने अपना आखिरी वनडे शतक 2020 में जड़ा था। सच तो यह है कि सूर्यकुमार यादव के उभार के बाद अब भारतीय फैंस ने रोहित व विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी बहुत ज्यादा महसूस करनी बंद कर दी है। यह कहीं ना कहीं हिटमैन के लिए एक अलार्म बेल की तरह है। उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर काम करना होगा और अपने करियर का शायद अंतिम वनडे वर्ल्ड कप विनिंग नोट पर समाप्त करना होगा।
विश्वसनीय ओपनिंग जोड़ी की समस्या-
रोहित के बाद केएल राहुल टॉप ऑर्डर के एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो अपनी फॉर्म के चलते लगातार सवालों में है। केएल राहुल ने भी अपने करियर में अभी तक काफी कुछ अनुभव कमाया है। वे टीम की लीडरशिप मीटिंग का भी हिस्सा होते हैं। उन्होंने रोहित की जगह कप्तानी भी की है लेकिन बार-बार कंसिस्टेंसी में कमी राहुल के साथ टीम इंडिया की बड़ी मुसीबत है। दूसरी बात यह है कि अनुभवी बल्लेबाज शिखर धवन को भी ड्रॉप कर दिया गया है जिसके चलते ओपनिंग की समस्या भारत को वनडे में चैलेंज पेश करती है जिसका समाधान उनको जल्दी खोजना होगा। हालांकि भारत के पास यहां पर ईशान किशन के तौर पर बढ़िया विकल्प है जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ तूफानी धारा वनडे शतक भी लगाया था।
ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी-
वैसे तो ऋषभ पंत के रिप्लेसमेंट के तौर पर ईशान किशन और संजू सैमसन पहले से ही टीम में मौजूद है लेकिन जब वर्ल्ड कप की बात आती है तो कहीं ना कहीं ऋषभ पंत को आप तस्वीर से अलग नहीं कर सकते जिनका खेल का अंदाज टेस्ट मैचों के साथ-साथ वनडे मैचों के लिए भी फिट बैठता है। हालांकि T20 में वह बिल्कुल अलग ही बल्लेबाज नजर आते हैं लेकिन वनडे में भी वे काफी हद तक टेस्ट मैचों की सफलता को दोहरा सकते हैं। पंत शायद वर्ल्ड कप तक भी फिट नहीं हो पाएंगे। भारत को उनका भरोसेमंद रिप्लेसमेंट तैयार करना होगा और चुनौती यह है कि टीम सैमसन और ईशान किशन की ओर देखेगी या फिर केएल राहुल को विकेटकीपर के तौर पर तैयार करेगी?
बॉलिंग में चुनौतियां-
सभी जानते हैं जसप्रीत बुमराह टीम से अंदर और बाहर होने वाले गेंदबाज हैं और इसका कारण उनका प्रदर्शन नहीं बल्कि पीठ की वह तकलीफ है जो बार-बार उभरती है। हालांकि बुमराह श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में वापसी कर रहे हैं लेकिन देखना होगा कि उनको मैच खेलने को मिलता है या फिर वह मैच फिटनेस कितनी हासिल कर पाए हैं। डेथ ओवर में भारत के पास अर्शदीप सिंह भी ठीक-ठाक गेंदबाज हैं लेकिन उन्होंने हाल ही में T20 सीरीज में दिखाया है कि वह युवा हैं और उनसे गलतियां हो सकती हैं तो वहीं उमरान मलिक के लिए उनकी स्पीड ही अधिकतर मौकों पर घातक साबित हो जाती है। कुल मिलाकर भारत को डेथ ओवरों में काफी काम करना है और उनको स्पिन विभाग में भी यह देखना होगा कि युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के साथ आगे बढ़ना है या फिर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी को आजमाना है। भारतीय धरती पर स्पिनर की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जडेजा और अश्विन एक प्रॉपर ऑलराउंडर है। हाल ही में देखा है कि आलराउंडरों ने मैच में प्रभाव डाला है। ऐसे में अक्षर पटेल भी बहुत बढ़िया विकल्प के तौर पर उभर रहे हैं।
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