IND vs SA: 3 कारण जिसके चलते लगातार दूसरे मैच में हारा भारत, 2022 में अब तक नहीं मिल सकी है जीत
नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका दौरे पर 3 मैचों की टेस्ट और वनडे सीरीज खेलने पहुंची भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज का आगाज जरूर किया लेकिन इसके बाद से इंडियन टीम ने अपना मोमेंटम खो दिया है और लगातार चौथे मैच में हार झेलनी पड़ी है। भारत ने सेंचुरियन के मैदान पर खेले गये पहले टेस्ट मैच में 113 रनों से जीत हासिल की जिसके बाद उसे जोहान्सबर्ग और केपटाउन में मिली हार के चलते 1-2 से सीरीज गंवानी पड़ी। वहीं टेस्ट सीरीज की हार के बाद भारतीय टीम ने केएल राहुल की कप्तानी में बोलैंड पार्क के मैदान पर वनडे सीरीज का आगाज किया, हालांकि पहले मैच में मिली 31 रन की हार के बाद शुक्रवार को खेले गये दूसरे मैच में भी उसे हार का सामना करना पड़ा और टेस्ट के बाद भारत ने वनडे सीरीज भी गंवा दी है।
और पढ़ें: IND vs SA: वनडे करियर में पहली बार स्पिनर ने कोहली को डक पर किया आउट, नाम हुए कई शर्मनाक रिकॉर्ड
साउथ अफ्रीका की टीम ने पार्ल के बोलैंड पार्क मैदान पर खेले गये दूसरे मैच में भारतीय टीम को 7 विकेट से मात देकर 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। कप्तान केएल राहुल ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और निर्धारित 50 ओवर्स में 6 विकेट खोकर 287 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम ने क्विंटन डिकॉक (79) और जानेमन मलान (91) की अर्धशतकीय पारियों के दम पर 7 विकेट से जीत हासिल कर ली और सीरीज को अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत के साथ साल 2021 को अलविदा कहा था लेकिन 2022 में उसे अब तक एक भी मैच में जीत नसीब नहीं हुई है, ऐसे में आइये एक नजर डालते हैं उन कारणों पर जिसकी वजह से उसे लगातार दूसरे वनडे मैच में हार का सामना करना पड़ा है।
और पढ़ें: IND vs SA: 3 जीवनदान का ज्यादा फायदा नहीं उठा सके केएल राहुल, ठोंका कप्तानी का पहला अर्धशतक
अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके भारतीय बल्लेबाज
भारतीय टीम के लिये इस मैच में कप्तान केएल राहुल (55) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और पहले विकेट के लिये शिखर धवन (29) के साथ 63 रनों की साझेदारी भी की। हालांकि एडेन मार्करम और केशव महाराज ने एक रन के अंदर दो विकेट (शिखर धवन और विराट कोहली) हासिल करके भारतीय टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। यहां से ऋषभ पंत (85) और केएल राहुल ने तीसरे विकेट के लिये 115 रनों की साझेदारी कर डाली और टीम को 31वें ओवर में ही 200 रन के करीब पहुंचा दिया। हालांकि साउथ अफ्रीकी स्पिनर्स ने राहुल और पंत का विकेट लेकर अपनी टीम की वापसी करायी। भारतीय टीम को इस समय अच्छी शुरुआत मिल चुकी थी जिसे देखते हुए वह आसानी से 300 से ज्यादा रनों के आंकड़े को पार कर सकती थी, हालांकि श्रेयस अय्यर (11) और वेंकटेश अय्यर (22) ज्यादा रन नहीं बना सके और टीम पर अतिरिक्त दबाव बन गया। शार्दुल ठाकुर (40) और आर अश्विन (25) की नाबाद पारियों के चलते भारत निर्धारित 50 ओवर्स में 6 विकेट खोकर 287 रन ही बना सकी और जिस स्कोर तक पहुंच सकती थी उससे करीब 40 रन पीछे रह गयी।
पहले पावरप्ले में विकेट निकालने में फिर नाकाम रही भारतीय टीम
288 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम के खिलाफ जीत हासिल करने के लिये भारतीय टीम को जल्द से जल्द विकेट निकालने की तलाश थी, हालांकि पिछले कुछ समय से नई गेंद से विकेट निकाल पाने में नाकाम रही भारतीय टीम की यह दिक्कत इस मैच में भी बरकरार रही और वो पहले 10 ओवर के बजाय पहले 21 ओवर तक कोई विकेट निकाल पाने में कामयाब नहीं हो सकी। साउथ अफ्रीका के लिये सलामी बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (79) और जानेमन मलान (91) ने इसका फायदा उठाते हुए पहले विकेट के लिये 132 रन जोड़ डाले और अपने-अपने अर्धशतक पूरे कर लिये। जब ऐसा लगा कि साउथ अफ्रीका की टीम के लिये यह दोनों बल्लेबाज ही अकेले दम पर मैच को अपने नाम कर ले जायेंगे वहां पर शार्दुल ठाकुर ने डिकॉक का विकेट लेकर भारतीय टीम को पहली सफलता दिलायी।
फिर फ्लॉप साबित हुई भुवनेश्वर, अश्विन की जोड़ी
भारतीय गेंदबाजों की बात करें तो पहले मैच की ही तरह इस मैच में भी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए और मुख्य गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को वो समर्थन नहीं दे सके, जिसकी उन्हें दरकार थी। भुवनेश्वर कुमार न सिर्फ विकेटलेस रहे बल्कि काफी महंगे भी साबित हुए जिन्होंने महज 8 ओवर्स के स्पेल में ही 8.40 की इकॉनमी से 67 रन दे डाले। उनके ओवर्स की भरपाई करने के लिये केएल राहुल ने वेंकटेश अय्यर से 4 ओवर्स की गेंदबाजी करायी। वहीं भुवनेश्वर कुमार के अलावा ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी इस मैच में कुछ खास कमाल नहीं कर सके और विकेट हासिल करने में नाकाम रहे, तो चहल ने 10 ओवर्स के स्पेल में 47 रन देकर सिर्फ एक विकेट ही अपने नाम किया। भारतीय टीम को अपनी स्पिन जोड़ी से वो फायदा नहीं मिला जैसा की साउथ अफ्रीका की टीम को शम्सी और महाराज से मिला था। इसका खामियाजा भारतीय टीम को हार से भुगतना पड़ा।