मांजरेकर ने कहा- इस खिलाड़ी को 2 साल पहले ही बाहर कर चुका होता, पुजारा अभी खेल सकते हैं
नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट में सबसे बड़ा सवाल यही है कि टेस्ट दिग्गजों चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे का अब क्या किया जाए। ये दोनों एक तरह से टीम मैनेजमेंट के गले में फंसी हड्डी बन चुके है जिसका तुरंत क्या किया जाए ये समझ नहीं आ रहा। विराट कोहली की लीडरशिप वाला भारतीय टीम मैनेजमेंट काफी कंजरवेटिव रहा था और उसने रहाणे-पुजारा के अनुभव को अधिक तवज्जों दी। लेकिन ये अनुभव एक दो पारी में काम आता है, फिर वही पुरानी कहानी दोहराई जाती है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में ये दो बल्लेबाज तब खामोश होते रहे जब इनका योगदान टीम की जीत-हार के बीच फर्क साबित हो सकता था।
मांजरेकर का मानना है कि पुजारा में थोड़ी जान बाकी है
अब विराट कोहली की विदाई लीडरशिप से हो चुकी है लेकिन भारतीय क्रिकेट अपनी सोच को ड्रामेटिक तौर पर बदलकर रख देगा यह भी नहीं लगता। भारतीय टीम आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया की तरह झटकेदार बदलाव करने से बचती रही है। यहां एक बार जब खिलाड़ी पर भरोसा हो जाता है तो फिर उसकी खराब फॉर्म का चरम भुगतने के बाद ही उस खिलाड़ी से पिंड छुड़ाया जाता है। फिलहाल सब मानते हैं कि रहाणे और पुजारा ने वह हद पार कर दी है जिसके बाद किसी को एक और मौका देना ठीक नहीं है। भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी न्यूज 18 से बात करते हुए बताया है कि वह भारतीय सेलेक्टर होते तो रहाणे दो साल पहले ही उनके प्लान से बाहर हो चुके होते। हालांकि मांजरेकर का मानना है कि पुजारा में थोड़ी जान बाकी है।
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रहाणे की असली समस्या रन बनाना नहीं बल्कि...
मांजरेकर ने कहा कि है रहाणे ने केवल रन ही कम बनाए होते तो भी इतनी दिक्कत नहीं थी लेकिन जिस तरह से वे मैदान में खुद ही किसी और दुनिया में खोए रहते हैं वह असली समस्या है। रहाणे मैदान में खुद को लेकर निश्चित नहीं लगते और मांजरेकर के मुताबिक ऐसा 2017 से हो रहा है।
मांजरेकर ने आगे कहा, आप देखिए वह किस तरह से बैटिंग करते और आउट होते हैं। आप कोहली को देखिए वह भी शतक नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वह 70 के आसपास रन करके देते रहते हैं। कोहली की फॉर्म वापस आने से पहले भी आपको उनके टीम में होने का फायदा हो रहा है। तो मेरे लिए रहाणे की टीम में भूमिका अब पूरी हो चुकी है।
रहाणे चुना तो हैरानी होगी- मांजरेकर
मांजरेकर का कहना है कि भारतीय क्रिकेट को चलाने के लिए बाकी खिलाड़ियों की ओर देखना ही होगा और अगर रहाणे को चुना गया तो यह हैरानी वाली बात होगी।
दूसरी ओर पुजारा ने भी 95 टेस्ट मैच खेल लिए हैं और वे अपने धीमेपन की गिरफ्त में ऐसे जकड़े की बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे हैं। यही वजह है दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने जो पारियां खेली वह तेज थी। तभी कुछ स्कोर निकला लेकिन क्योंकि यह उनका स्वभाविक गेम भी नहीं था इसलिए स्कोर बड़ा नहीं हो पाया।
मांजरेकर ने पुजारा को बताया दिलचस्प-
मांजरेकर अभी पुजारा में कुछ रन बाकी पाते हैं। वे कहते हैं, पुजारा दिलचस्प रहे हैं, वह 100 टेस्ट के करीब आ रहे हैं। उनको बाहर रखना के लिए चयकर्ताओं को भावनाओं के बिना चयन करना होगा। और मुझे पर्सनली लगता है कि पुजारा के पास रहाणे की तुलना में ज्यादा समय है। पुजारा में कुछ रन बाकी लगते हैं लेकिन रहाणे मेरे प्लान से दो साल पहले ही बाहर हो चुके होते, अगर मैं चयनकर्ता होता।