क्या अपने दिग्गज पेसर पर कोहली को नहीं रहा विश्वास? पूर्व कीपर चाहते हैं तीसरे टेस्ट में उसकी वापसी
नई दिल्लीः भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता को इस बारे में पूरे यकीन नहीं है कि विराट कोहली का इशांत शर्मा के ऊपर अभी भी पहले की तरह भरोसा बना हुआ है। दासगुप्ता का मानना है कि विराट कोहली ने 2019 तक इशांत शर्मा में पूरा भरोसा दिखाया लेकिन अभी भी इस तेज गेंदबाज में इतनी काबिलियत है कि वह केपटाउन में होने वाले तीसरे टेस्ट मुकाबले के लिए भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बना सकते हैं। बता दें मोहम्मद सिराज को चोट लगी हुई है और भारत के पास इशांत शर्मा व उमेश यादव रिजर्व में मौजूद है जो 11 जनवरी से केपटाउन में शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मुकाबले के लिए भारतीय टीम में मोहम्मद सिराज की जगह ले सकते हैं।
कोहली को अब ईशांत पर पहले जैसा भरोसा नहीं रहा!
सिराज को दूसरे टेस्ट मैच में खेल के दौरान हैमस्ट्रिंग में चोट लग गई थी लेकिन उन्होंने भारत के लिए गेंदबाजी करना जारी रखा हालांकि वे अपनी पूरी लय में कभी भी नहीं दिखाई दिए। मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह भी जोहान्सबर्ग टेस्ट की चौथी पारी में काफी खराब दिख रहे थे जिसके चलते दक्षिण अफ्रीका ने बहुत ही आसानी से जीत के लिए मिले 240 रनों के स्कोर को हासिल कर लिया। यह भी एक अजीब बात है कि सबसे अनुभवी बॉलर होने के बावजूद भारत ने ईशांत शर्मा और उमेश यादव को अभी तक नहीं खिलाया क्योंकि टीम मैनेजमेंट ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को टीम इंडिया का मौजूदा तेज गेंदबाजी का लीडर माना है।
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दीप दासगुप्ता चाहते हैं सिराज की जगह ईशांत की वापसी-
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया से बात करते हुए दीप दासगुप्ता ने बताया कि भारत के पास इशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाज की कमी है जो कि अपने कप्तान को दक्षिण अफ्रीका में मिलने वाली तेज पिचों पर अच्छा कंट्रोल दे सके। ऐसी पिच जोहांसबर्ग के दूसरे टेस्ट मैच में देखने को मिली थी। दासगुप्ता कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली इशांत शर्मा की काबिलियत पर वैसा भरोसा अब दिखाते हैं जैसा वे 2019 तक दिखाते रहे हैं। लेकिन फिर भी इशांत शर्मा अगर अगले मुकाबले में खेलते हैं तो उमेश यादव की जगह पर बेहतर विकल्प होंगे।"
ईशांत शर्मा के पक्ष में जाती हैं ये बड़ी बातें-
पीटीआई से बात करते हुए दासगुप्ता आगे बताते हैं, "सबसे पहले तो इशांत शर्मा एक लंबे कद के बॉलर हैं जिसके चलते वे मुश्किल लंबाई पर गेंद कर सकते हैं और दूसरी काबिलियत ये है कि वे बल्लेबाजों को रोककर रखते हैं जो तेज गेंदबाजी के अनुकूल विकेट पर बाकी भारतीय गेंदबाज दूसरे टेस्ट में नहीं कर पाए। इशांत शर्मा आठ से 10 ओवर का स्पेल कर सकते हैं और अगर हम आज कल के ट्रेंड की ओर देखें तो पहली पारी के बनाए गए 275 रन इन परिस्थितियों में 350 के बराबर हो गए हैं। इसके अलावा ईशांत शर्मा चौथे स्टम्प की लाइन को निशाना बनाकर गेंदबाजी करते हैं जहां पर गेंद सीधी भी रह सकती है या फिर बल्लेबाज के पास भी कटकर आ सकती है जिसके चलते उसको खेलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लेकिन हां, टीम मैनेजमेंट को इशांत की प्रैक्टिस फॉर्म को भी चेक करना होगा।"
दक्षिण अफ्रीका में अपना रिकॉर्ड ईशांत भी सुधारना चाहेंगे-
इशांत शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट के बाद से कोई मुकाबला नहीं खेला है। उन्होंने भारतीय टीम के साथ ड्रेसिंग रूम में ही समय बिताया है। 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुका यह गेंदबाज अब दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर अपनी तेजी को आजमाने के लिए लालायित होगा लेकिन देखने वाली बात होगी कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली उनको मौका देते हैं या फिर नहीं। ईशांत शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका में 7 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन केवल 20 विकेट लिए हैं और उनका गेंदबाजी औसत भी काफी घटिया है जो कि 40 से थोड़ा कम ही है। फिर भी भारत इशांत शर्मा पर भरोसा कर सकता है लेकिन जसप्रीत बुमराह की फॉर्म में गिरावट भी उतनी ही चिंता का विषय है। अगर भारत की तेज गेंदबाजी एक बार फिर से क्लिक नहीं की तो टीम इंडिया का यह सीरीज हारना तय है और अगर प्रतिष्ठित इंडियन पेस अटैक ने अपनी क्षमता का 80-90% भी दे दिया तो भारत दक्षिण अफ्रीका में पहली बार इतिहास रचने की ओर देख सकता है।