लंबाई 6 फीट 5 ईंच, रफ्तार 90 m/h, फिर भी 10 साल बाद मिला टेस्ट मैच में मौका
नई दिल्ली, 25 जून। लम्बाई 6 फीट 5 ईंच। रफ्तार 90 मील प्रति घंटा। बल्ले से भी योगदान की क्षमता। लेकिन टेस्ट कैप मिला 10 साल बाद। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेमी ओवरटन को टेस्ट डेब्यू के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा। वो तो संयोग से जेम्स एंडरसन अनफिट हो गये जिससे जेमी ओवरटन को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मौका मिल गया। इस टेस्ट में ओवरटन ने पहले दिन 16 ओवर की गेंदबाजी की जिसमें 41 रन देकर एक विकेट लिया। उन्होंने अब तक जो गेंदबाजी की है वह प्रभावित करने वाली है।
उनके हाईआर्म एक्शन से गेंद गुडलेंथ पर गिर कर छाती की ऊंचाई तक आती है। इसे खेलना आसान नहीं होता। उन्होंने अपनी गति से चकमा देकर डेवोन कॉनवे को क्लीन बोल्ड किया था। भारत के खिलाफ इंग्लैंड के प्लेइंग इलेवन में कौन से तेजगेंदबाज होंगे, यह तो अभी पता नहीं। लेकिन इंग्लैंड बहुत शिद्दत के साथ वैसे तेज गेंदबाज की तलाश में है तो भारत के बल्लेबाजों पर दबाव बना सके। इंग्लिश काउंटी सरे के अंतरिम कोच अजहर महमूद का कहना है, जेमी ओवरटन बहुत खास हैं। हीरा हैं। हम लोगों ने उन्हें निखारने और चमकाने की कोशिश की है। उनमें बहुत क्षमता है और वे विश्व क्रिकेट के बड़े ऑलरुंडर बन सकते हैं।
भारत के खिलाफ तैयारी
न्यूजीलैंड सीरीज इंग्लैंड के लिए भारत के खिलाफ एक बड़ी तैयारी है। भले इंग्लैंड को एजबेस्टन में भारत के खिलाफ एक मात्र टेस्ट खेलना है। लेकिन इसके नतीजे पर ही सीरीज का फैसला निर्भर है। अगर इंग्लैंड यह टेस्ट मैच जीता जाता है तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी और उसकी इज्जत बच जाएगी। लेकिन जीतने के लिए वैसे गेंदबाज चाहिए जो 20 विकेट ले सकें। इंग्लैंड फिलहाल प्रयोग के दौर से गुजर रहा है। जेम्स एंडरसन का टखना सूजा हुआ है। इंग्लैंड एंडरसन को एजबेस्टन टेस्ट में खेलते हुए देखना चाहता है। इसलिए एंडरसन को आराम देकर ओवरटन को मौका दिया गया। हालांकि एंडरसन की चोट समय पर ठीक हो पाएगी कि नहीं, कहना मुश्किल है। अभी इंग्लैंड के फ्रंटलाइन फास्ट बॉलर घायल हैं। जोफ्रा आर्चर कई महीने से एक्शन में नहीं है। मार्क वुड और साकिब महमूद भी मैदान से बाहर हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ ओली रॉबिंसन भी नहीं खेले। इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी का दारोमदार अभी क्रिस ब्रॉड, बेन स्टोक्स और मैटी पौट्स पर है। 1 जुलाई से ही भारत के खिलाफ खेलना है। इसलिए इंग्लैंड एंडरसन की फिटनेसस को लेकर चिंतित है। 39 साल के एंडरसन आज भी इंग्लैंड के स्ट्राइक बॉलर हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में 11 विकेट लिये हैं। जाहिर इंग्लैंड उन्हें भारत के खिलाफ टीम में रखना चाहता है। लेकिन उनके खेलने को लेकर अनिश्चितता है। चूंकि जेमी ओवरटन को एंडरसन के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है इसलिए इंग्लैंड को उनसे बहुत अपेक्षाएं हैं।
10 साल बाद टेस्ट खेलने का मौका
जेमी ओवरटोन के जुड़वां भाई क्रेग ओवरटन भी फास्ट बॉलर हैं और वे इंग्लैंड के 13 सदस्यीय टीम में पहले मौजूद हैं। जब एंडरसन घायल हुए तो क्रेग को भी मौका मिल सकता था। लेकिन इंग्लैंड के चयनकर्ताओं ने जेमी को मौका देना मुनासिब समझा। जेमी के लिए यह सपना सच होने जैसा था। उन्होंने पहली बार 2012 के अंडर-19 विश्वकप में ऑलराउंड खेल से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था। एक साल बाद ही जेमी ओवरटन को इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में चुन लिया गया। 2013 में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलनी थी। लेकिन उन्हें किसी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद वे चोट की समस्या से ग्रसित हो गये। कुछ समय टीम से बाहर रहे। फिर 2015 में उन्हें और उनके भाई को इंग्लिश टीम में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में चुना गया। लेकिन फिर खेलने का मौका नहीं मिला। 2022 में फिर दोनों भाई (क्रेग ओवरटन और जेमी ओवरटन) इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में हैं। जेमी, क्रेग से तीन मिनट छोटे हैं। संयोग देखिए कि छोटे भाई जेमी को 10 साल बाद आखिरकार टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला।
टेस्ट डेब्यू के लिए नया अवतार
जेमी ओवरटन की उम्र अभी 28 साल है। कहा जा रहा है कि 2022 में वे नये अवतार के साथ मैदान पर उतरे हैं। वे काउंटी क्रिकेट में सरे की तरफ से खेलते हैं। उनका सबसे बड़ा हथियार तेज बाउंसर है। इस साल सरे के कोच अजहर महमूद ने उनके बॉलिंग को सुधारने के लिए बहुत मेहनत की है। अजहर महमूद पाकिस्तान के सफल ऑलराउंडर रहे हैं। पाकिस्तान की टीम में उनका चयन एक मीडियम फास्ट बॉलर के रूप में हुआ था। लेकिन उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगा कर सभी को चकित कर दिया था। एक ऑलरुंडर के रूप में अजहर महमूद के पास अपार अनुभव है। जब सरे ने उन्हें अंतरिम कोच बनाया तो उन्होंने जेमी ओवरटन को निखारने के लिए मेहनत की। सबसे पहले उनकी रनअप की समस्या को ठीक किया। जेमी जब दौड़ते हुए विकेट के नजदीक आते थे तब पॉपिंग क्रीज के पास उनकी उछाल ठीक नहीं होती थी। बॉल रिलीज करने से पहले तब वे जम्प लेते थे तब वे अपना भार सही पैर पर शिफ्ट नहीं कर पाते थे। इसकी वजह से उन्हें वह मोमेंटम नहीं मिलता था जो कि उन्हें मिलना चाहिए था। अजहर महमूद ने सबसे पहले उनके रन अप को कम किया। 24 गज की बजाय वे 18 गज की दूरी से स्टार्ट लेने लगे। उनसे कहा गया कि वे गति की बजाय गेंद की लंबाई और दिशा पर ध्यान दें। अपनी लंबाई ( 6 फीट 5 ईंच) का फायदा उठाकर वे सटीक स्लोअर बाउंसर डालने की कोशिश करें। वे सीखे। खुद को बदला। इस सीजन उन्होंने सरे के लिए शानदार गेंदबाजी की। अब वे इंग्लैंड के लिए खेल रहे हैं। अगर अच्छा खेले तो भारत के खिलाफ भी मौका मिल सकता है।
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