
BCCI ने रणजी ट्रॉफी के अगले सीजन के लिए तीन महिला अंपायरों को किया नियुक्त, जानिए इनके बारे में?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। दरअसल, बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी के आगामी सीजन के लिए तीन महिला अंपायरों की घोषणा की है। आपको बता दें कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब टूर्नामेंट में महिलाएं अंपायरिंग करती हुईं नजर आएंगी। साथ ही भारतीय क्रिकेट में भी यह पहली बार होने जा रहा है, जब मेन्स क्रिकेट में महिलाएं अंपायरिंग करती हुईं नजर आएंगी। BCCI ने वृंदा राठी, जननी नारायणन और गायत्री वेणुगोपालन को रणजी ट्रॉफी के लिए बतौर अंपायर नियुक्त किया है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया है कि आने वाले कुछ हफ्तों में रणजी ट्रॉफी का घरेलू सीजन शुरू होगा और तीन महिलाओं की यह तिकड़ी रणजी ट्रॉफी के आगामी सीजन में अंपायरिंग करती हुई दिखेगी। बोर्ड के अधिकारी ने कहा है कि यह तो अभी शुरुआत है, हम महिला अंपायरों को आगे भी पुरुष क्रिकेट में जाने का मौका देंगे।
आपको बता दें कि वृंदा राठी, नारायणन और वेणुगोपालन रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड से अंपायरिंग शुरू करेंगी। पहले राउंड में यह तीनों नजर नहीं आएंगी, क्योंकि तीनों महिला अंपायर भारत-ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज में अंपायरिंग करती हुईं दिखेंगी।
कौन हैं यह तीनों महिला अंपायर?
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- आपको बता दें कि तीनों महिलाएं क्रिकेट से जुड़ी रही हैं। 32 साल की वृंदा राठी मुंबई की रहने वाली हैं और एक मीडियम पेसर गेंदबाज रही हैं। वृंदा राठी ने मुंबई विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था। वह मुंबई में स्थानीय मैचों में नियमित स्कोरर थीं। साल 2013 में राठी महिला विश्व कप में स्कोरर थीं। तभी उनकी न्यूजीलैंड की अंपायर कैथी क्रास से मुलाकात हुई। इसके बाद उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की परीक्षा और बाद में बीसीसीआई की अंपायरिंग की परीक्षा पास की।
- 36 साल की जननी नारायणन ने कभी उच्च स्तर का क्रिकेट तो नहीं खेला, लेकिन इस खेल के प्रति उनका लगाव हमेशा से रहा है। जननी ने 2009 और 2012 में टीएनसीए से संपर्क किया और अंपायर बनने की ख्वाहिश जाहिर की थी। जननी ने साल 2018 बीसीसीआई (BCCI) की लेवल 2 की अंपायरिंग परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने अपनी आईटी की नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
- वहीं 43 साल की गायत्री वेणुगोपालन दिल्ली की रहने वाली हैं। गायत्री वेणुगोपालन एक पेशेवर क्रिकेटर बनना चाहती थीं, लेकिन कंधे की चोट ने उनका सपना चकनाचूर कर दिया। गायत्री ने अपना कॉर्पोरेट करियर छोड़ दिया। उन्होंने बीसीसीआई की अंपायरिंग परीक्षा पास की और 2019 में अंपायर के रूप में चयनित हुईं।