'बुमराह-शमी के बिना ये बॉलर एशिया कप में कारगर होता', पर टीम इंडिया ने उसको नहीं लिया
नई दिल्ली, 25 अगस्त: भारत के पास एशिया कप में ना जसप्रीत बुमराह हैं, ना शमी। दोनों तेज गेंदबाजी की जान माने जाते हैं लेकि शमी को किसी कारण से टी20 का गेंदबाज नहीं माना जाता। उनको टेस्ट क्रिकेट में सबसे असरदार समझा जाता है जिसके चलते सेलेक्टरों ने एशिया कप से भी यह लीजेंड बाहर कर दिया है।
ऐसे में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी को लगता है कि दीपक चाहर को एशिया कप में टीम के लिए खेलना चाहिए था।
ना शमी ना बुमराह
बुमराह चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे, भारतीय चयनकर्ताओं ने शमी को नहीं चुनने का फैसला किया। ऐसे में चाहर सटीकता से कुछ हासिल करके दे सकते थे। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान वापसी की और एशिया कप की टीम में रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर शामिल हैं।
एशिया कप से पहले भारत के तेज गेंदबाजी विकल्पों पर बोलते हुए, बालाजी ने कहा कि नई गेंद से विकेट लेने की उनकी क्षमता को देखते हुए चाहर को टीम में चुना जाना चाहिए था।
फिर दीपक चाहर को लेना चाहिए था
बालाजी ने News18.com को एक इंटरव्यू में बताया "वह जिम्बाब्वे में सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहा था। बढ़िया प्रदर्शन किया और अपनी विकेट लेने की क्षमता में आ गया। चाहर अपने काम के साथ असाधारण रहे हैं। उनके पास बहुत सारी विविधताएं हैं। उनकी क्षमता स्विंग और सीम गेंदबाजी करना, और नई गेंद के साथ विकेट लेना उसे खास बनाती है। जब आपके पास नई गेंद के साथ कौशल है, तो यह बहुत शानदार है। आज के क्रिकेट में नई गेंद से बहुत कम ही स्विंग और सीम देखने को मिलती है । हिट-द-डेक प्रकार से अधिक बॉलिंग होती है।"
नई गेंद के साथ विकेट हासिल करना है
बालाजी ने कहा, "संयुक्त अरब अमीरात में नई गेंद कौशल की आवश्यकता होती है, आप जो चाहते हैं वह नई गेंद के साथ विकेट हासिल करना है। अगर चाहर आपको शुरुआती विकेट देते हैं, तो आपको उन्हें पहले बॉलर के रूप में देखना होगा। लेकिन, बहुत सारे गेंदबाज हैं और बहुत कंपटीशन है। आप नई गेंद से विकेट लेने वाले गेंदबाज चाहते हैं। अगर बुमराह और शमी उपलब्ध नहीं हैं, तो चाहर मौजूद हैं।"
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