शिमला: अस्पताल ने महिला को गलती से बताया HIV पॉजिटिव, सदमे से मौत
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में महिला एक प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही की वजह से मौत के मुंह में चली गई। महिला की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने सारे मामले की जांच का भरोसा दिया है। वहीं, प्रदेश में मौजूद प्राइवेट अस्पतालों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। महिला की मौत पर खेद जताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि साधारण रोग से ग्रस्त थी, लेकिन जब वह रोहड़ू के अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज कराने गई तो यहां डॉक्टर ने उसे किसी और बीमारी की दवा दे दी। महिला को बताया गया कि वह एचआईवी पॉजिटिव है और जल्दी अपना इलाज करा ले। वह इस सदमे को सह नहीं पाई और उसकी मौत हो गई। वास्तव में महिला को यह रोग था ही नहीं। मृतका ने एड्स होने के बारे जब शिमला में टेस्ट कराए तो बात कुछ और निकाली। सरकार सारे मामले की जांच कराएगी। उसकी रिर्पोट 15 दिन में देने को कहा गया है।
विधानसभा में उठा मामला
मामले को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान रोहड़ू के विधायक मोहन लाल बराकटा ने उठाया। बराकटा ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल की गलत रिपोर्ट ने महिला को एचआईवी पॉजिटिव बना दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह अस्पताल की लापरवाही का मामला है। लिहाजा अस्पताल के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार महिला के परिजनों को मुआवजा दे। विधायक बराकटा ने बताया कि रोहड़ू में प्राइवेट अस्पताल ने जब उसे गलत रिपोर्ट दी तो वह सदमे में चली गई। चूंकि समाज में उसे अपनी बदनामी का डर सताने लगा। उसके बाद उसे शिमला में आईजीएमसी अस्पताल में लाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
पहले कोमा में गई महिला, फिर मौत
बराकटा ने बताया कि महिला स्वस्थ थी, लेकिन पिछले दिनों अचानक बीमार हुई तो वह रोहड़ू के प्राइवेट अस्पताल में गई, जहां उसके टेस्ट किए गए। जहां उसे एचआईवी पॉजिटिव बना दिया गया और उसी अनुसार दवाइयां दी गईं, लेकिन बाद में उसका पति अपनी पत्नी को शिमला के कमना नेहरू अस्पताल में लेकर आया, जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है और रोहड़ू के अस्पताल न उसकी ही दवाइयां उन्हें दी हैं। उन्हें दोबारा टेस्ट कराने को कहा गया। सारी बात महिला को पता चली तो वह कोमा में चली गई। उसके बाद महिला को आईजीएमसी शिफ्ट किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। हैरानी की बात है कि शिमला में जो टेस्ट कराए गए उनमें साफ बताया गया कि महिला एचआईवी पॉजिटिव नहीं है।
हरकत में आया स्वास्थ्य महकमा
इस बीच, महिला की मौत पर सरकार के सख्त रवैये के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बीएमओ को निजी अस्पताल में भेजकर दस्तावेजों की जांच कराई है। विभाग ने निजी अस्पताल की रजिस्ट्रेशन जांचने के अलावा लैब में काम करने वाले तकनीशियनों की योग्यता डिग्री भी जांची गई। निजी अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला डॉ. नीरज मित्तल ने कहा कि निजी अस्पताल का निरीक्षण किया गया। अस्पताल के रजिस्ट्रेशन और चिकित्सकों की योग्यता जांची गई है।