फेमस हिमालयन क्वीन बनी बर्निंग ट्रेन, डिब्बों में बैठे लोग बाहर कूद पड़े
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सोमवार को उस समय बड़ा हादसा टल गया जब शिमला कालका हेरिटेज रेल लाइन पर सोलन जिला के कुमारहट्टी के पास पैसेंजर ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन इस दौरान रेल यात्रियों की सांसे थमीं रहीं।
सोलन के पास ट्रेन में लगी आग
मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को कालका से शिमला के लिये कालका शिमला वल्र्ड हेरिटेज रेल लाइन पर पैंसेजर ट्रेन हिमालयन क्वीन चली थी कि शिमला पहुंचने से पहले ही जिला सोलन के कुमारहट्टी के पास पट्टा मोड़ पर इंजन में अचानक आग लग गई जिससे अफरा-तफरी मच गई व लोगों में भगदड़ मच गई। डिब्बों में बैठे लोग बाहर कूदने लगे। ट्रेन में मौजूद यात्रियों व रेल कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हो पाये। इसके बाद पास-पड़ोस के लोगों ने इंजन में आग लगी देखी तो वह भी मदद को आ गये। उसके बाद आग को काबू किया जा सका।
घटना से मची अफरातफरी
करीब दो घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इसमें किसी प्रकार के जानी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। रेलवे जांच में जुटी है व यात्रियों को शिमला भेजने का इंतजाम किया जा रहा है। एक ओर इस लाइन पर सुधार लाने की कोशिशें की जा रही हैं, वहीं सोमवार की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। देश-विदेश के सैलानी शिमला के लिए इसी रेलमार्ग से टॉय ट्रेन में सफर का लुत्फ उठाते हैं। 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था।
हेरिटेज लाइन कालका टू शिमला
रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है। कालका-शिमला रेलमार्ग को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी। कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें सफर को और भी रोमांचक बनाती है। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन अढ़ाई मिनट का समय लेती है। रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल है जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है। पूरे रेलमार्ग पर 919 घुमाव आते हैं। तीखे मोड़ों पर ट्रेन 48 डिग्री के कोण पर घूमती है। कालका-शिमला रेलमार्ग को नैरोगेज लाइन कहते हैं। इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है। कालका-शिमला रेलवे लाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था।
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