शामली: शादीशुदा प्रेमी को किया 1 महीने में 1500 कॉल, मां समेत मार दी गई सोनू
Shamli news, शामली। उत्तर प्रदेश के शामली में 3 तारीख की रात में हुई मां-बेटी की हत्या का हत्यारापी जिला पंचायत सदस्य और उसका एक साथी निकला। पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस के मुताबिक, अवैध संबंधों के चलते जिला पंचायत सदस्य और उसके साथी ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। मां-बेटी दोनों के शवों को बोरे में भरकर खेत में फेंकने की तैयारी थी लेकिन पड़ोसियों द्वारा शोर मचाने पर वहीं छोड़कर हो गए थे। इसके बाद से ही पुलिस मामले की जांच कर रही थी। पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य और उसके एक साथी दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
लाश बोरे में भरकर भाग रहे थे हत्यारे
मामला जनपद शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र के बिड़ौली गांव में 3 तारीख की रात मां-बेटी की अज्ञात बदमाशों ने गला दबाकर हत्या कर दी थी और पूरी वारदात को अंजाम देकर बदमाश मौके से फरार हो गए थे। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची थी और दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और घटना के बाद से ही हत्यारों की तलाश में जुट गई थी। आपको बता दें कि घटना 3 जनवरी की रात्रि की है जब बदमाशों ने कमला और कुमारी सोनू की गला दबाकर हत्या कर दी थी और दोनों के शवों को प्लास्टिक के बोरे में भरकर बदमाश घर से ले जा रहे थे। तभी पड़ोस के ही रहने वाले लोगों ने बदमाशों को दो बोरे ले जाते हुए देखा तो उन्होंने शोर मचा दिया जिसके बाद बदमाश मौके से फरार हो गए थे।
सोनू से डॉक्टर का प्रेम-प्रसंग
आपको बता दें कि पूरे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी सुधीर पेशे से पशुओं का डॉक्टर है और वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य भी है। लिहाजा पशुओं का डॉक्टर होने की वजह से सुधीर का मृतका सोनू के घर में आना-जाना रहता था। इसके बाद से दोनों की जान-पहचान हुई और दोनों आपस में फोन पर बातचीत करने लगे। आरोपी सुधीर ने बताया कि उसका सोनू के साथ पिछले 6 वर्षों से लगातार प्रेम-प्रसंग चल रहा था जिसके चलते सोनू उस पर शादी करने का दबाव बना रही थी। आरोपी सुधीर पहले से ही शादीशुदा था जिस कारण उसको यह स्वीकार नहीं था और वह बार-बार उससे अपना पीछा छुड़ाने की सोच रहा था।
शादी का दबाव बना रही थी सोनू
आरोपी सुधीर सोनू के दबाव से इतना परेशान था कि 4 माह पहले उसने हार्ट अटैक का बहाना करके लोगों को बताकर हरिद्वार पतंजलि में अपना इलाज कराने के लिए गायब हो गया था जिसके बाद भी सोनू बार-बार परेशान कर रही थी। आरोपी सुधीर पेशे से डॉक्टर था और वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष था तो कहीं सोनू को लेकर उसकी क्षेत्र में बेज्जती ना हो जाए इस डर के चलते सुधीर ने सोनू को रास्ते से हटाने का मन बना लिया था। सोनू ने पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने का प्लान बनाया और इस पूरे प्लान में उसने अपने साथी सुनील की मदद ली। सुनील की बहन डॉ सुधीर के गांव में ब्याही है जिस कारण सुनील और सुधीर की दोस्ती हो गई थी।
मां-बेटी को बेरहमी से मार डाला
दिनांक 2 जनवरी की रात्रि 11:00 बजे सुधीर सुनील को साथ लेकर सोनू के घर पहुंचा। उसने सोनू से उसकी मां के दूध में नींद की गोली मिला कर पिला दी और सुनील व सुधीर दोनों मिलकर सोनू को समझाने लगे कि वह सुधीर पर शादी करने का दबाव न बनाए क्योंकि सुधीर पहले से ही शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। लेकिन सोनू ने उनकी बात नहीं मानी जिसके बाद सुनील व सुधीर ने सोनू की गला दबाकर हत्या कर दी। उसकी चीख-पुकार सुनकर मां उठ गई जिसके बाद दोनों ने इस बात का डर लगा कि कहीं सोनू की मां सारी वारदात की बात पुलिस को ना बता दे इसलिए उसकी मां का भी गला दबा दिया। इसके बाद वह मरी नहीं तो वहीं पर रखे जूतों से फीता निकालकर उसके गले में बांधकर उसे भी मौत के घाट उतार दिया।
हत्या की प्लानिंग हुई फेल
कुछ दिन पहले सोनू का भाई करनाल से कहीं गुम हो गया था जिसका कि आज तक पता नहीं चल सका है। आरोपी सुधीर व सुनील ने उसी बात को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई की दोनों की हत्या कर दोनों का शव बोरे में भरकर कहीं ऐसी जगह डाल देते हैं जहां से वो किसी को मिल न पाए। इस पूरी वारदात के लिए उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से पूरा प्लान बनाया था और घर में जिस बिस्तर पर मां-बेटी सो रही थी उनको बाकायदा तरीके से फोल्ड किया था और उनके चप्पल-जूते सहित दोनों के शव को बोरे में भरकर ले जा रहे थे लेकिन तभी पड़ोसियों द्वारा देखकर शोर मचाने पर दोनों बोरो को वहीं छोड़ कर मौके से फरार हो गए थे। वह इस पूरी वारदात को इस तरीके से दिखाना चाह रहे थे कि मानो मां-बेटी कहीं अपने-आप खुद चली गई हो या कहीं गायब हो गई हो। वह इस पूरी वारदात को इस तरीके से दिखाना चाह रहे थे कि मानो मां-बेटी कहीं अपने-आप खुद चली गई हो या कहीं गायब हो गई हो लेकिन पड़ोसियों द्वारा जाग होने और उनके शोर मचाने के कारण उनके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया और वह सलाखों के पीछे पहुंच गए। पुलिस की तहकीकात में यह भी पता चला कि पिछले 1 महीने के अंदर करीब पंद्रह सौ बार सोनू द्वारा आरोपी डॉक्टर सुधीर को कॉल की गई थी। पुलिस ने सोनू का फोन भी आरोपियों की निशानदेही पर बरामद कर लिया है जिससे इस बात का पता चला।
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