उत्तर प्रदेश के शामली में 251 मदरसे अवैध रूप से संचालित पाए गए, योगी सरकार को भेजी गई रिपोर्ट
योगी सरकार ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे मदरसों का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब की थी। इसी परिपेक्ष्य में शामली जनपद में भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारीयों की संयुक्त टीम ने जनपद की तीनों तहसील शामली कैराना और उनमें सर्वे किया और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी। रिपोर्ट में हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है। शामली जनपद में 251 मदरसे बिना शासन की अनुमति के संचालित किए जा रहे हैं। जनपद की 3 तहसीलों में 300 मदरसे चल रहे हैं जिनमें से मात्र 46 मदरसे ही मान्यता प्राप्त है, बाकी के 251 मदरसे अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं।
शामली में 251 मदरसे अवैध रूप से संचालित
जानकारी अनुसार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारीयों की संयुक्त टीम ने शासन द्वारा निर्धारित 12 बिंदुओं पर जांच की है। जांच में सभी बिन्दुओं का गहराई से निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जनपद की तीनों तहसील में 251 मदरसे अवैध रूप से संचालित पाए गए हैं। मात्र 46 मदरसे ही शासन द्वारा मान्यता प्राप्त है। इतनी बड़ी संख्या में संचालित मदरसों के बारे में जिला अधिकारी का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। वहां से जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के अनुसार अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बच्चों को गलत संस्थानों में न भेजें
उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 सितंबर को सभी जिलों में मदरसों का सर्वे करने और अधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारियों द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में लगभग 8,441 मदरसों की मान्यता नहीं है। अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज राज्य मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि उन्होंने विभाग के अधिकारियों को विभाग के पोर्टल और एमईएलए ऐप पर सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि माता-पिता को किसी विशेष मदरसे के बारे में सही जानकारी मिल सके और वे ऐसा कर सकें। अपने बच्चों को गलत संस्थानों में न भेजें, जहां उन्हें गुमराह किया जा सके।
8 हजार से अधिक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वेक्षण के दौरान, 8 हजार से अधिक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान की गई। जिसमें लगभग 7,64,164 छात्र, लड़कियां और लड़के नामांकित थे। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि वे मुख्यधारा के समाज से जुड़े, सरकार का कहना है कि यह आवश्यक है कि उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए। योगी सरकार ने अधिकारियों को अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को नए शिक्षा कानूनों के अनुसार शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया हैऔर साथ ही कहा है कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए और अब तक पहचाने गए सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर देने के लिए एक प्रस्तुति तैयार की जानी चाहिए।
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