जिला कलेक्टर के पास पहुंचा किसान बोला-'साहब मेरे ये रुपए पुलवामा शहीदों के परिजनों के खाते में डलवा दो'
Shahjahanpur news, शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में एक किसान ने 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना का पैसा अपने खाते में पैसा लेने के बजाए उस पैसे को सीधे पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के खाते में भेजने की मांग की है। किसान साधारण तरीके से शरीर पर दो झंडे लगाए डीएम सहाब का ऑफिस पहुंचा। उसका कहना है कि हम तो किसान है, खेतीबाड़ी करके जीवन गुजार लेंगे। लेकिन शहीद के परिवार कैसे जीवन गुजारेंगे? इसलिए वह पैसा शहीदों के खाते मे भेजना चहाता है। आसपास के लोगों ने किसान की सराहाना करते हुए 'जय जवान, जय किसान' के नारे लगाए।
शरीर पर झंडे लगाकर डीएम ऑफिस पहुंचा किसान
जिला कलेक्ट्रेट परिसर में खड़े इस गरीब किसान का नाम ओमपाल सिंह पुत्र हाकिम सिंह है। ये मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर दूर से अपने शरीर पर दो झंडे लगाकर यहां आया है। लेकिन उसको ये नहीं पता कि डीएम ऑफिस कहां पर है। किसान ओमपाल के एक बेटा अंकित और दो बेटियां है। इनके पास 12 बीघा खेती है। जिसमें फसल लगाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन इनकी सोच ऐसी है कि जो सुनेगा इनके हौसले को सलाम करेगा।
आवेदन लेकर किसान ने किया अनुरोध
वैसे अभी तक आपने ऐसे गरीब किसानों के बारे मे सुना और देखा होगा वह सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने कारण वह अधिकारी के पास आकर शिकायत करते है। लेकिन इस किसान ने शिकायत की कि किसान सम्मान निधि का मिलने वाला पैसा मेरे खाते में न आए। वो पैसा पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के परिवार के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएं। इसलिए वह कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम ऑफिस के लिए लोगों से पूछ रहा है। किसान खाते में आने वाले पैसे को शहीदों के परिवार के खाते में भेजने के लिए बाकायदा एक एप्लीकेशन लेकर आया।
किसान ने बताया कि उसने ऐसा क्यों किया
किसान ओमपाल सिंह का कहना है कि हमारी 12 बीघा खेती है। किसान हो या कोई भी देशवासी वह रात में चैन की नींद सोता है। लेकिन हमारे जवान सरहदों पर पूरी रात जागकर हमारी रक्षा करते हैं। हम तो खेतीबाड़ी करके बची हुई जिंदगी गुजार लेगें। लेकिन वह कैसे गुजारेंगे जिनके बेटे या पति पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए। इसलिए वह चाहते हैं कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाले पैसे को वह अपने खाते में लेने के बजाए सीधे शहीद के परिवार वालों के खाते में भेज दें। ताकि उन्हें इन पैसे से कुछ राहत मिल सके।