Satna news : शान से 12 साल तक वन मंडल में की नौकरी, 10वीं की मार्कशीट ने खोला ऐसा राज कि हो गई जेल
सतना जिले में पदस्थ्य एक वनरक्षक को फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी करना महंगा पड़ गया। फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब न्यायालय ने आरोपी वनरक्षक को 5 वर्षा के लिए जेल भेज दिया है।
Satna News : मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। वन मंडल में वनरक्षक के रूप में एक व्यक्ति ने शान से 12 साल नौकरी की। इस युवक ने वन मंडल को बड़ा धोखा दिया। मामले का खुलासा होने के बाद वनरक्षक को जेल जाना पड़ा।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना इंदुकांत तिवारी ने कर्मचारी कांग्रेश के प्रांतीय अध्यक्ष एवं संरक्षक मुनेंद्र सिंह परिहार पिता जगन्नाथ सिंह उम्र 48 साल बिहरा कमांड- 2 निवासी रामपुर बघेलान थाना जिला सतना को फर्जी मार्कशीट को वनरक्षक के पद पर कार्यरत हेतु वन मंडल कार्यालय में आवेदन के साथ प्रस्तुत करने का दोषी पाए जाने पर सभी अपराध धाराओं में पांच साल की सश्रम कारावास और 40 हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न जमा करने की स्थिति में प्रत्येक अपराध धारा के लिए 6-6 महीने के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाइ है।
मामले में राज्य की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक रमेश मिश्रा के अनुसार अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार दक्षिण वन मंडल सतना वन मंडल पन्ना में मस्टररोल श्रमिक के रूप में पदस्थ था। प्रशासन की नीति के अनुसार मस्टरोल मजदूरो को नियमित सेवा में लिए जाने हेतु कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के आवेदन दिनांक 20 अगस्त 2008 के निर्देशानुसार अहर्ता निश्चित करते हुए श्रमिकों को वनरक्षक सिलेक्शन परीक्षा में बैठने हेतु अवसर दिया गया था जिसकी परीक्षा में बैठने हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास उत्तीर्ण रखी गई थी। अभियुक्त वनरक्षक दसवीं पास की अंकसूची सम्मिट कर उक्त चयन परीक्षा हेतु स्वयं को पात्र दर्शा कर सिलेक्शन परीक्षा में शामिल होकर नियमित नियुक्ति पाने में पास होकर दक्षिण वन मंडल पन्ना में पद स्थिति प्राप्त कर लिया था।
अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत मार्कशीट को सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को भेजकर मार्कशीट की वैधानिकता की जानकारी मांगी गई। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अवगत कराया की मार्कशीट फर्जी है। अभियुक्त को कार्यालय से 10 फरवरी 2009 को लेटर जारी कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था। किंतु अव्यक्त कोई समाधान जवाब प्रस्तुत नहीं कर सका। जिस पर वन मंडल अधिकारी वन मंडल सतना ने 26 फरवरी 2009 के साथ विभिन्न सबूतों की प्रतिलिपि सहित पुलिस थाना सिविल लाइन सतना भेज कर अभियुक्त के खिलाफ धारा 468, 420, 467 के तहत मामला दर्ज कराया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार के विरुद्ध फर्जीवाड़ा सिद्ध पाए जाने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसका विचारणा चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना द्वारा किया गया।