FlashBack 2022: भदोहीवासी इस साल की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूल पाएंगे, आग से कई परिवार उजड़ गए
साल 2022 बीतने के कगार पर है लेकिन इस साल भदोही जिले के लोगों को जो दर्द मिला उसे भदोही के लोग कभी भी नहीं भुल सकते हैं। दो अक्टूबर औराई थाने के नरथुआ गांव में बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल में आग लग गई थी।
FlashBack 2022: यह साल अब बीतने के कगार पर है। कहा जाता है कि समय के साथ हर जख्म भर जाते हैं और धीरे-धीरे लोग अपने बुरे समय को भी भूल जाते हैं। इस वर्ष भदोही को एक ऐसा दर्द मिला जिसे याद करने के बाद आज भी कलेजा सिहर उठता है। भदोही वासी इस साल की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूल सकते हैं। दुर्गा पूजा पंडाल में आग लगने के चलते भदोही के 19 लोगों की मौत हो गई। कुछ लोग घटनास्थल तो कुछ लोगों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मरने वालों में मासूम बच्चों के साथ ही बड़े भी शामिल रहे। मृतकों के परिजन के जेहन से आज भी वह रात नहीं निकलती है। आइए पूरे घटनाक्रम के बारे में जानते हैं।
दो अक्टूबर की रात में पंडाल में लगी थी आग
दरअसल शारदीय नवरात्र में भदोही जिले के नरथुआ गांव में दुर्गा पूजा पंडाल लगाया गया था। दुर्गा पूजा पंडाल में दर्शन पूजन करने के लिए इलाके से काफी संख्या में महिला युवती और बच्चे पहुंचे थे। 2 अक्टूबर के रात में सप्तमी के दिन पूजा पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, उसी समय किसी तरह पूजा पंडाल में आग लग गई। आग लगने के दौरान पंडाल के अंदर महिषासुर से जुड़ा एक नाटक चल रहा था। पंडाल में साउंड बजने के चलते मौजूद लोगों को आग लगने और आग लगने पर चिल्लाने की आवाज नहीं सुनाई दी। देखते ही देखते पंडाल में भगदड़ की स्थिति मच गई और लोग एक दूसरे पर गिरने लगे।
श्रद्धालुओं को भागने का भी नहीं मिला मौका
पंडाल में प्रवेश करने के लिए सुरंग नुमा द्वारा बनाई गई थी और उसी द्वार से प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु पंडाल में पहुंचे थे। द्वार के समीप ही थोड़ी दूरी पर आग लगने के चलते श्रद्धालु आग से घिर गए। इस दौरान पंडाल में मौजूद कुछ लोग दूसरी तरफ से पंडाल तोड़कर निकलने में सफल हो गए लेकिन करीब 80 लोग आग में ही फंसे रहे। घटना के बाद पूजा पंडाल के समीप भगदड़ की स्थिति मच गई। मौजूद लोग किसी तरह पानी और बालू का छिड़काव करते हुए आग पर काबू पाने का प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हुए। इस बीच पंडाल में फंसे हुए लोगों में जो भी जमीन पर गिरा वह उठ नहीं पाया। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। कड़ी मशक्कत करने के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया।
थर्माकोल, कागज और कपड़े के चलते जल्दी फैल गई आग
स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि एकता क्लब द्वारा हर वर्ष शारदीय नवरात्र में नरथुआ गांव में तालाब के किनारे दुर्गा पूजा पंडाल लगाया जाता रहा है। पंडाल को बनाने में निर्माण कर्ताओं द्वारा थर्माकोल कागज और कपड़े का इस्तेमाल किया गया था। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताया गया कि पूजा पंडाल में आग लगने के बाद थर्माकोल और कागज तथा कपड़े के चलते आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर ली। आग पर जब तक काबू पाया जाता तब तक उसमें 80 से अधिक महिला पुरुष और बच्चे झुलस चुके थे। घटना के बाद चारों तरफ चीख-पुकार और अपनों को खोजने के लिए लोग चीखते चिल्लाते नजर आए। जैसे-जैसे झुलसे लोगों को बाहर निकाला जाता उसी तरह एंबुलेंस से उनको अस्पताल में उपचार के लिए भी भेजा जाता रहा।
घायलों के लिए 30 से अधिक एंबुलेंस लगानी पड़ी
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मी एंबुलेंस को सूचना दिए और एक-एक कर निकलने वाले लोगों को अस्पताल भेजा जाने लगा। स्थिति ऐसी हो गई कि भदोही जिले में संचालित होने वाले एंबुलेंस कम पड़ गए। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस घटना में झुलसे हुए लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अन्य जनपदों से भी एंबुलेंस मगांई गई और 30 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से अग्निकांड में झुलसे हुए लोगों को उपचार के लिए भदोही के अलावा प्रयागराज और वाराणसी में भेजा गया। मामूली रूप से झुलसे हुए लोग भदोही के निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए चले गए। घटनास्थल पर ही रात में दो लोगों की मौत हो गई थी लेकिन सुबह होते होते अस्पताल में मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी। 3 अक्टूबर को सायं काल तक 5 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद मरने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती रही।
पूरे प्रदेश के पंडालों के लिए जारी हुई गाइडलाइन
भदोही में पंडाल में हुए अग्निकांड को देखते हुए अधिकारियों द्वारा पूजा पंडाल के लिए तत्काल गाइडलाइन जारी की गई और पूरे प्रदेश में दुर्गा पूजा पंडाल की जांच की गई। दुर्गा पूजा पंडाल में निकाल और प्रवेश के लिए अलग-अलग और बड़े गेट बनवाने की हिदायत दी गई। इसके अलावा फायर उपकरण, बालू के साथ ही आने उपकरणों की जांच की गई। किसी भी आपातकालीन स्थिति में पंडाल से बाहर निकलने के लिए आपातकालीन द्वार बनाने के लिए भी हिदायत दी गई। पूरे प्रदेश के सभी जनपदों में पुलिस अधिकारियों द्वारा पंडाल का निरीक्षण किया गया और जिन पंडालों में उपरोक्त व्यवस्थाएं नहीं थी उनको बंद करा दिया।
घटना में 19 से अधिक लोगों की हुई मौत
दुर्गा पूजा पंडाल में आग लगने के बाद मरने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती रही। मृतकों के परिवार के लिए सरकार द्वारा मुआवजा भी प्रदान किया गया इसके अलावा जिलाधिकारी भदोही द्वारा भी लोगों के सहयोग से मृतकों के परिवारों को धनराशि सौंपी गई। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस घटना में 77 लोग झुलसे थे लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि झुलसने वालों की संख्या 80 से भी अधिक थी। वही इस अग्निकांड में 10 नवंबर तक 19 लोगों की मौत हो गई। इस अग्निकांड में औराई थाने के राजापुर गांव के रहने वाले चंदन बिंद के परिवार के 3 लोगों की मौत हुई, इसी तरह अन्य लोगों के परिवार में भी मौतें हुईं। कई ऐसे परिवार थे जिनके घर कई दिनों तक चूल्हा भी नहीं जले। आज भी उस घटना को लेकर लोगों का कलेजा सिहर उठता है और अभी भी घटना में झुलसे हुए कुछ लोगों का उपचार चल रहा है।
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